Maharashtra: 350 कैदियों ने लिया भजन प्रतियोगिता में भाग, सजा में छूट का मिला पुरस्कार

महाराष्ट्र में कैदियों के लिए भजन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था. इस प्रतियोगिता में 29 जिलों के 350 कैदियों ने हिस्सा लिया. प्रतियोगिता में हिस्सा लेने वाले कैदियों को सजा में छूट का पुरस्कार दिया गया. सजा में छूट देने का फैसला अमिताभ गुप्ता ने जेल मैन्युअल के अनुसार लिया गया.

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 29, 2023 1:25 PM
an image

Maharashtra: महाराष्ट्र में जेल में सजा काट रहे कैदियों के लिए भजन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. इस प्रतियोगिता में 29 जिलों के 350 कैदियों ने हिस्सा लिया. जिन्होंने भी इस प्रतियोगिता में हिस्सा लिया उन्हें पुरस्कार के तौर पर सजा में छूट दी गयी. वैसे तो सजा देने या कम करने का अधिकार सिर्फ एक कोर्ट के पास ही होता है लेकिन, कई बार जेल प्रशासन भी अपने लेवल पर सजा कम करवा सकता है. जेल के चीफ को ज्यादा से ज्यादा 90 दिनों तक की सजा माफ करने का अधिकार होता है और इसी अधिकार का इस्तेमाल कर महाराष्ट्र के अडिशनल डीजी अमिताभ गुप्ता ने भजन पाठ प्रतियोगिता में भाग लेने वाले कैदियों की सजा माफ की है.

कैदियों के मानसिक व्यवहार में लाया जा सकता है बदलाव

इस प्रतियोगिता को फाइनल 13 जून को पुणे के यरवदा सेंट्रल जेल परिसर में आयोजित किया गया था. जो भी प्रतियोगी इस प्रतियोगिता के फिनाले तक पहुंचे उनकी सजा में 90 दिनों की कटौती की गयी. जिन कैदियों ने भी सांत्वना पुरस्कार जीता उनके सजा में 60 दिनों की कटौती की गयी. वहीं, जिन कैदियों ने इस प्रतियोगिता में भाग लिया लेकिन, कुछ भी जीत नहीं सके उनके सजा में 30 दिनों की कमी करने का फैसला लिया गया है. जेल के एक अधिकारी ने मामले पर बात करते हुए बताया कि, सजा में छूट देने का फैसला अमिताभ गुप्ता ने जेल मैनुअल के अनुसार लिया है. उनका मानना है कि इस तरह की प्रतियोगिता आयोजित करके और फिर सजा कम करके कैदियों के मानसिक व्यवहार में बदलाव लाया जा सकता है.

कोल्हापुर जेल की हुई जीत

जैसा कि हमने आपको पहले ही बताया कि इस प्रतियोगिता में महाराष्ट्र के 29 जिलों से 350 कैदियों ने हिस्सा लिया था. इन सभी की सजा में कुछ न कुछ कटौती होगी ही. आयोजित इस प्रतियोगिता में कोल्हापुर जेल के कैदियों को विनर के रूप में चुना गया है. वहीं, इस प्रतियोगिता में पुणे की यरवडी सेंट्रल जेल के कैदियों ने दूसरा स्थान और नासिक जेल के कैदियों ने तीसरा स्थान हासिल किया.

संबंधित खबर
संबंधित खबर और खबरें
होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version