
उधवा. उधवा प्रखंड के राधानगर पंचायत में जलमीनार का पानी बर्बाद करने और दूसरे को न दिये जाने का आरोप लगा है. एक ओर जहां गांव के लोग बूंद-बूंद पानी को तरस रहे हैं, वहीं दूसरी ओर जलमीनार से हजारों लीटर पानी व्यर्थ बहाया जा रहा है. जानकारी के अनुसार राधानगर पंचायत के चौरंगी मोड़ के पास जल, जीवन मिशन के तहत आठ हजार लीटर क्षमता वाला सोलर संचालित जलमीनार बनाया गया है. यह जलमीनार ग्रामीणों के लिए पेयजल संकट का समाधान बनना था. लेकिन अब खुद ही समस्या बन गया है. स्थानीय ग्रामीण अवधेश गुप्ता, छोटका गुप्ता, नवीन गुप्ता, सोनू गुप्ता, जय साहा सहित अन्य ने आरोप लगाया है कि जलमीनार को सुजीत प्रसाद गुप्ता के घर के सामने सरकारी जमीन पर बनाया गया है. लेकिन चारो तरफ से टीन शेड लगाकर घेर दिया गया है. इससे आम लोगों को पानी नहीं ले पा रहे हैं. ग्रामीणों बताया कि जलमीनार से पानी की आपूर्ति लोगों को नहीं दी जा रही है. बल्कि उसे चालू कर घर के पीछे स्थित एक पोखर में बहा दिया जा रहा है. इससे पानी की न केवल बर्बादी हो रही है, बल्कि जो चापाकल आसपास लगे हैं. उसका जलस्तर नीचे जा रहा है. यह भी कहा कि जब इसका विरोध करते हैं तो उल्टा उन्हें ही गाली-गलौज और फर्जी मुकदमे में फंसाने की धमकी दी जाती है. इस मामले को लेकर ग्रामीणों ने पीएचइडी विभाग के सहायक से कार्रवाई की मांग की है. इस संबंध में पेयजल विभाग के सहायक अभियंता सुनील दत्त ने कहा कि ग्रामीण बूंद-बूंद पानी के लिए त्राहिमाम हैं. ऐसे में पानी की बर्बादी करना बिल्कुल गलत है. जेइ को निर्देश दिया गया कि जांच कर दोषियों पर आवश्यक कार्रवाई करें.
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