जयपुर : राज्यसभा चुनाव के मद्देनजर राजस्थान कांग्रेस के विधायक समेत उनके समर्थक विधायक चुनाव होने तक जयपुर के बाहर एक निजी होटल में ही रुकेंगे. कांग्रेस महासचिव अविनाश पांडे ने कहा कि विधायकों को प्रलोभन दिये जाने के खतरे को देखते हुए यह फैसला किया गया है.
कांग्रेस के विधायक और अशोक गहलोत सरकार का समर्थन कर रहे अन्य विधायक, जिस निजी होटल में ठहरे हैं, उसके बाहर पत्रकारों से बात करते हुए अविनाश पांडे ने कहा कि विधायकों की राय पर ही उन्हें निजी होटल में रोका गया है. विधायक एक परिवार की तरह रह रहे हैं. इस दौरान राज्य के भावी विकास को लेकर अनेक मंथन सत्र और कार्यशालाएं की जा रही हैं.
उन्होंने कहा कि राज्य की गहलोत सरकार (Gahlot government) को अस्थिर करने के लिए विधायकों को प्रलोभन दिये जाने की जांच राजस्थान पुलिस (Rajasthan police) के विशेष कार्य बल एसओजी (SOG) द्वारा की जा रही है और इसकी रिपोर्ट जल्द ही आने की उम्मीद है.
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अविनाश पांडे ने कहा कि निर्दलीय विधायकों तथा राज्य सरकार का समर्थन करने वाले अन्य दलों के विधायकों को मिलाकर कुल संख्या 125 (कांग्रेस के 107 विधायकों सहित) हो गयी है. राज्य विधानसभा में कुल 200 विधायक हैं.
कांग्रेस नेता ने कहा कि भाजपा के प्रयास को देखते हुए सभी विधायकों को एक साथ रखने पर निर्णय हुआ है. उन्होंने आरोप लगाया कि कर्नाटक और मध्य प्रदेश की तरह राजस्थान में भी भाजपा कोई खेल करना चाह रही है, लेकिन गहलोत सरकार और उन्हें समर्थन दे रहे दलों के विधायक उनके मंसूबों को कामयाब होने नहीं देंगे. हम सभी एक परिवार की तरह रह रहे हैं.
इस होटल में खाद्य और नागरिक आपूर्ति मंत्री रमेश मीणा नहीं आये हैं. इस सवाल पर अविनाश पांडे ने कहा कि कुछ व्यक्तिगत कारणों के कारण मंत्री अभी नहीं आये हैं. पार्टी उनके संपर्क में हैं. मंत्री रमेश मीणा पार्टी के निर्देशों का पालन करेंगे और पार्टी के अनुशासन में रहेंगे.
इस बीच, पार्टी के एक विधायक भरत सिंह द्वारा पांडे को लिखा गया एक पत्र सोमवार (15 जून 2020) को सामने आया. जिसमें उन्होंने लिखा है कि विधायकों द्वारा चुने गये अधिकांश राज्यसभा सदस्य विधायकों को पहचानते तक नहीं हैं. उन्होंने कहा कि चुनाव होने के बाद इन सांसदों का एक तरह से किसी से कोई लेना-देना नहीं रह जाता है.
भरत सिंह द्वारा लिखे 11 जून को इस पत्र में कहा है कि पार्टी के वरिष्ठ नेता राज्यसभा चुनाव को इतनी गंभीरता से ले रहे हैं. अगर वे इसी गंभीरता से पहले काम करते, तो पार्टी लोकसभा चुनाव भी जीत जाती. पत्र के बारे में पूछे जाने पर पांडे ने कहा कि सिंह ने पत्र में अपनी भावनाओं को सकारात्मक तरीके से व्यक्त किया है. वह इसका स्वागत करते हैं.
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राज्य में मंत्रिमंडल विस्तार पर पांडे ने कहा कि इस बारे में उचित समय पर चर्चा की जायेगी. दूसरी ओर, राज्य सरकार को अस्थिर करने के प्रयासों में विधायकों को प्रलोभन की शिकायत दर्ज कराने वाले मुख्य सचेतक महेश जोशी, एसओजी में बयान दर्ज कराते समय इस बारे में विस्तार से जानकारी देंगे. जोशी ने पहले भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) और बाद में एसओजी (SOG) में शिकायत दर्ज करवाई थी. सूत्रों ने कहा कि जोशी ने एसओजी को कुछ सबूत भी सौंपे हैं.
उल्लेखनीय है कि विधायकों को पिछले हफ्ते राज्यसभा चुनावों पर चर्चा के लिए दिल्ली- राजमार्ग पर एक रिजार्ट ले जाया गया था और बाद में उन्हें पास के एक निजी होटल में ठहराया गया. यहां पार्टी के नेता उनके साथ समूहों और विभिन्न सत्रों में चर्चा कर रहे हैं.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok gahlot) का आरोप है कि उनकी सरकार को अस्थिर करने के लिए विधायकों को प्रलोभन दिये जा रहे हैं और बड़ी मात्रा में धन जयपुर भेजा गया है. वहीं, मुख्य विपक्षी दल भाजपा ने इस तरह के आरोपों को खारिज किया है.
Posted By : Samir ranjan.
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