राजस्थान : सीएम कुर्सी की रेस के बीच महंत बालकनाथ का बड़ा बयान, कहा- ‘ध्यान नहीं दें’

राजस्थान का मुख्यमंत्री कौन होगा? सवाल के जवाब के लिए एक-दो दिन का इंतजार करना पड़ सकता है. लेकिन, इस बीच कई नेताओं के नाम इस रेस में सामने आ रहे है. महंत बालकनाथ का नाम इन दिनों काफी चर्चा में है. हालांकि, मुख्यमंत्री पद की उम्मीदवारी पर एक बयान दिया है जिसके बाद कई अलग कयास लगने शुरू हो चुके है.

By Aditya kumar | December 9, 2023 11:46 AM
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Rajasthan New CM : राजस्थान का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा? इस सवाल के जवाब के लिए एक-दो दिन का इंतजार करना पड़ सकता है. लेकिन, इस बीच कई राजनेताओं के नाम इस रेस में सामने आ रहे है. महंत बालकनाथ का नाम इन दिनों काफी चर्चा में है. हालांकि, उन्होंने मुख्यमंत्री पद की उम्मीदवारी पर एक बयान दिया है जिसके बाद कई अलग कयास लगने शुरू हो चुके है. सीएम की रेस में बरकरार महंत बालकनाथ ने कहा है कि अटकलों पर ध्यान नहीं दिया जाए.

बैठक में होगा फैसला?

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शुक्रवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और जनजातीय मामलों के मंत्री अर्जुन मुंडा को राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में पार्टी विधायक दल के नेता के चयन के लिए केंद्रीय पर्यवेक्षक नियुक्त किया. विधायक दल के नए नेता अपने राज्य के मुख्यमंत्री बनेंगे. तीनों राज्यों में विधायक दल की बैठक इस रविवार या सोमवार को होने की संभावना है.

वसुंधरा राजे को नजरअंदाज कर सकती है पार्टी

पार्टी की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक राजस्थान में विधायक दल के नेता के चयन के लिए राजनाथ सिंह के अलावा राज्यसभा सदस्य सरोज पांडे और पार्टी महासचिव विनोद तावड़े को केंद्रीय पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया है. भाजपा के भीतर इस बात की चर्चा जोरों पर है कि पार्टी दो बार मुख्यमंत्री रहीं वसुंधरा राजे के दावों को नजरअंदाज कर सकती है और उनकी जगह किसी नए चेहरे को राज्य की कमान सौंप सकती है.

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वसुंधरा की गिनती राजनाथ सिंह के करीबियों में

वहीं, जानकारों का कहना है कि राजनाथ सिंह को राजस्थान का पर्यवेक्षक इसलिए बनाया गया है क्योंकि वसुंधरा की गिनती उनके करीबियों में होती है. भाजपा के वरिष्ठतम नेताओं में शुमार सिंह से भाजपा नेतृत्व को उम्मीद है कि वह उनकी पसंद के अनुरूप मुख्यमंत्री पद पर आम सहमति बनाने में मदद कर सकते हैं. ऐसा इसलिए है क्योंकि कई विधायकों को राजे का समर्थन करते हुए देखा जा रहा है.

चुनावों में मुख्यमंत्री पद के चेहरे की घोषणा नहीं

मनोहर लाल खट्टर के साथ पार्टी के ओबीसी मोर्चा के प्रमुख के. लक्ष्मण और राष्ट्रीय सचिव आशा लकड़ा भी मध्य प्रदेश की बैठक में शामिल होंगे, जबकि मुंडा के साथ केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल और भाजपा महासचिव दुष्यंत कुमार गौतम छत्तीसगढ़ के लिए केंद्रीय पर्यवेक्षक होंगे. पिछले दिनों संपन्न पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में भाजपा ने मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में जीत दर्ज की थी. पार्टी ने इन चुनावों में मुख्यमंत्री पद के चेहरे की घोषणा नहीं की थी.

शिवराज सिंह चौहान का दावा सबसे मजबूत

मध्य प्रदेश में जहां भाजपा ने दो-तिहाई बहुमत के साथ बड़ी जीत हासिल की, वहां वर्तमान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का दावा सबसे मजबूत माना जा रहा है लेकिन पार्टी के भीतर राज्य में नेतृत्व परिवर्तन की भी एक राय है. वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव के बाद 15 महीनों को छोड़ दें तो भाजपा 18 साल से राज्य की सत्ता में है. इसलिए पार्टी के भीतर राज्य में किसी नए चेहरे पर दांव लगाने का विचार है.

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