छेदी पासवान व मीरा कुमार दोनों मैदान से बाहर
2004 में एक बार फिर कांग्रेस के टिकट पर मीरा कुमार सासाराम संसदीय क्षेत्र से उम्मीदवार बनी और उन्होंने तीन बार के विजेता मुनीलाल को पराजित किया. इसके बाद फिर 2004 में भी मीरा कुमार ने भाजपा के मुनीलाल राम को दोबारा पराजित कर दिया. जिसके बाद 2014 में सासाराम संसदीय क्षेत्र से भाजपा ने एक बार फिर 1989 व 1991 में मीरा कुमार को पराजित करने वाले छेदी पासवान को भाजपा के टिकट पर उम्मीदवार बनाया. छेदी पासवान ने भाजपा के उम्मीदों के मुताबिक परिणाम दिया और लगातार दो बार 2014 और 2019 में मीरा कुमार को पराजित किया. खासबात यह रही कि इस सीट पर पांच से अधिक बार लोकसभा चुनाव के इतिहास को देखें तो बसपा अच्छे खासे मतों के साथ तीसरे स्थान पर रही है. कुल मिलाकर बसपा का भी इस सीट पर मजबूत पकड़ हमेशा से रहा है. बसपा भले ही इस सीट पर जीत दर्ज न की हो. लेकिन कांग्रेस भाजपा एवं जनता दल को चुनाव जीत हार में मुख्य कारण बनती रही है. जीतने वाले भाजपा व कांग्रेस की नजर हमेशा बहुजन समाज पार्टी के वोट पर रही है. उत्तरप्रदेश का सीमावर्ती संसदीय क्षेत्र होने के कारण इस सीट पर बसपा का पकड़ हमेशा से रहा है. लेकिन इस बार कांग्रेस भाजपा के अलावे बसपा से भी नया उम्मीदवार मैदान में है.
कांग्रेस, भाजपा व बसपा तीनों पार्टियों से नये उम्मीदवार मैदान में
इस बार के लोकसभा चुनाव में लगातार दो बार के विजेता रहे छेदी पासवान का भाजपा का टिकट काट दिया है. भाजपा ने मुनीलाल राम के बेटे शिवेश राम को यहां से उम्मीदवार बनाया है. वहीं कांग्रेस से लगातार चार बार उम्मीदवार रहे मीरा कुमार ने उम्र व स्वास्थ्य कारणों से इस बार चुनाव लड़ने से मना कर दिया जिसके बाद इस सीट से पिछले लोकसभा चुनाव में बसपा के उम्मीदवार रहे मनोज राम को कांग्रेस ने अपना उम्मीदवार बनाया है. जबकि बसपा ने संतोष कुमार को यहां से उम्मीदवार बनाया है. भाजपा और कांग्रेस के बीच जहां इस सीट पर कड़ा मुकाबला है वहीं बसपा भी इस मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने के लिए पूरी ताकत से लगी हुई है. कुल मिलाकर देखें तो तीनों पार्टियों से इस बार बिल्कुल नये उम्मीदवार मैदान में हैं. चुनाव लड़ने के अनुभव की बात करें तो भाजपा के शिवेश राम आरा के अधियांव से एक बार विधायक रह चुके हैं. वहीं मनोज राम बसपा से एक बार इस सीट से चुनाव लड़ चुके हैं. बसपा के संतोष कुमार युवा उम्मीदवार के रूप में पूरी ऊर्जा के साथ मैदान में हैं.
जो भी जीतेगा पहली बार पहुंचेगा संसद
सासाराम संसदीय सीट पर इस बार ऐसा संयोग रहा है कि सभी पुराने एवं कई बार के विजेता रहे उम्मीदवार चुनावी मैदान से बाहर हैं. मीरा कुमार पांच बार सांसद रही हैं जिसमें दो बार सासाराम संसदीय क्षेत्र से, दो बार दिल्ली के करोलबाग से एवं एक बार बिजनौर से चुनाव जीती हैं. वहीं छेदी पासवान की बात करें तो वे चार बार सांसद बने हैं और चारों बार उन्होंने सासाराम संसदीय क्षेत्र से मीरा कुमार को पराजित कर संसद में अपना जगह बनाया है. लेकिन पांच बार सांसद रही मीरा कुमार एवं चार बाद सांसद रहे छेदी पासवान दोनों इस बार चुनावी मैदान से बाहर हैं. इस बार शिवेश राम, मनोज राम या फिर संतोष कुमार जो भी इस सीट से जीत दर्ज करेगा संसद में पहली बार पहुंचेगा. इस बार सासाराम संसदीय क्षेत्र से अनुभव की नहीं बल्कि युवा जोश एवं सोच के बीच मुकाबला है.
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सासाराम संसदीय क्षेत्र का भौगोलिक परिचय
सासाराम संसदीय क्षेत्र में कुल 6 विधानसभा क्षेत्र आते हैं तीन विधानसभा क्षेत्र रोहतास जिला के चेनारी सासाराम एवं कारगर है जबकि तीन विधानसभा क्षेत्र कैमूर जिला के हैं कैमूर जिला के जो तीन विधानसभा क्षेत्र सासाराम संसदीय क्षेत्र में आता है वह भभुआ चैनपुर एवं मोहनिया विधानसभा क्षेत्र है इस बार 2024 के लोकसभा चुनाव में सासाराम संसदीय क्षेत्र में कुल मतदाता 19 लाख 4 हजार 173 है जिसमें महिला मतदाता 9लाख 9हजार 902 है जबकि पुरुष मतदाता 9 लाख 89 हजार 822 है.