कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद पुलिस ने शुभेंदु अधिकारी व माकपा नेता को संदेशखाली जाने से रोका

पश्चिम बंगाल में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि पुलिस हाईकोर्ट के आदेश का पालन नहीं कर रही है. शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि अगर एक घंटे के इंतजार के बाद भी उन्हें इलाके में प्रवेश की इजाजत नहीं मिलती है तो वह धमाखाली से कार मोड़कर कोलकाता कोर्ट के लिए निकल जाएंगे.

By Shinki Singh | February 20, 2024 12:26 PM
an image

पश्चिम बंगाल में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी (Suvendu Adhiakri) काे कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश के बावजूद पुलिस ने उन्हें संदेशखाली जाने से रोक दिया गया. माकपा की वरिष्ठ नेता वृंदा करात को भी पुलिस ने संदेशखाली का दौरा करने से रोक दिया. पुलिस ने कहा कि सरकार ने कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देते हुए एक खंडपीठ में अपील की है. उच्च न्यायालय ने ही पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता को क्षेत्र का दौरा करने की अनुमति दी थी. शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि वह दोबारा इस मामले को लेकर अदालत का रुख करेंगे.

पुलिस ने कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश का किया उल्लंघन

शुभेंदु अधिकारी का कहना है कि पुलिस ने मुझे संदेशखाली जाने की अनुमति देने वाले कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश का उल्लंघन किया है. पुलिस कह रही है कि दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 लागू कर दी गई है और राज्य सरकार ने उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देते हुए खंडपीठ का रुख किया है. मैं यहां विरोध प्रदर्शन करूंगा और फिर अदालत जाऊंगा. नंदीग्राम से भाजपा के विधायक ने पार्टी के समर्थकों के साथ राज्य सरकार के फैसले के विरोध में धमखाली में धरना दिया.

शुभेंदु अधिकारी को पिछले आठ दिनों में तीसरी बार संदेशखाली जाने से रोका गया

शुभेंदु अधिकारी को पिछले आठ दिनों में तीसरी बार संकटग्रस्त क्षेत्र का दौरा करने से रोका गया है.कलकत्ता उच्च न्यायालय ने सोमवार को अधिकारी को संदेशखाली जाने की अनुमति दे दी थी. उच्च न्यायालय ने भाजपा के नेता को अशांत क्षेत्र में कोई भी भड़काऊ भाषण नहीं देने या किसी भी तरह की कानून व्यवस्था की स्थिति पैदा नहीं करने का भी निर्देश दिया. माकपा नेता करात ने कहा कि उन्हें एक पुलिस अधिकारी ने बताया था कि संदेशखाली में उनकी मौजूदगी से वहां शांति भंग हो जाएगी.

माकपा नेता को धमखाली में रोक दिया गया

माकपा नेता को संदेशखाली जाते समय धमखाली नौका घाट पर रोक दिया गया जहां महिलाओं पर यौन अत्याचार और कुछ स्थानीय तृणमूल कांग्रेस नेताओं द्वारा जमीन हड़पने के आरोपों को लेकर विरोध प्रदर्शन हो रहा है. उन्होंने धमखाली में संवाददाताओं से कहा, “शांति का उल्लंघन तब हुआ जब महिलाओं को स्थानीय टीएमसी कार्यालयों में बुलाया गया और उनका यौन उत्पीड़न किया गया़ अब यह न्याय की लड़ाई है.

संबंधित खबर
संबंधित खबर और खबरें
होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version