69 लाख का हुआ बंदरबांट
उपनिदेशक संदीप कुमार ने बताया कि जांच में सामान्य वर्ग में 51, पिछड़ा वर्ग में 157, अल्पसंख्यक वर्ग में 107, अनुसूचित जाति वर्ग में 30 अभ्यर्थियों के आवेदन फर्जी पाए गए है. शादी अनुदान योजना में अनुदान दिलाने के लिए दलालों की भूमिका देखी जा रही है. जांच रिपोर्ट में पता चला है कि दलालों द्वारा गलत तरीके से आवेदन पत्र भरवाए गए और 69 लाख का भुगतान करा लिया गया. इसके एवज में प्रत्येक आवेदन पर अवैध रूप से 5 से 10 हजार रुपये तक दलालों ने लिए हैं.
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जांच में इन पर लटकी तलवार
जांच रिपोर्ट में दलालों के साथ-साथ समाज कल्याण विभाग के कंप्यूटर ऑपरेटर जतिन, शरीफ, हरेंद्र शर्मा निवासी छर्रा, मुकेश पंडित, अंशुल पूर्व प्रधान, रतन सिंह अतरौली, साहब सिंह, रियाज मोहम्मद, प्रभु पटल सहायक, संबंधित ब्लाक, तहसील स्तरीय, जिला कार्यालय के पटल सहायक, कंप्यूटर ऑपरेटरों, अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति की गई है. इस मामले में जनसेवा केंद्र संचालकों की भूमिका भी संदिग्ध पाई जा रही है. इनके लाइसेंस निरस्त करने की भी संस्तुति की जाएगी.
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अपात्रों से होगी वसूली
शादी अनुदान योजना में फर्जीवाड़े पर अलीगढ़ मंडल आयुक्त गौरव दयाल ने कहा कि शादी अनुदान योजना की जांच में कमियां मिली हैं. मामले में डीएम को पत्र लिखकर संबंधित के खिलाफ कार्यवाही के निर्देश दिए गए हैं. विस्तृत जांच भी कराई जाएगी. जो अपात्र हैं, उनसे वसूली भी होगी अनियमितताएं कतई बर्दाश्त नहीं की जाएंगी. यूपी सरकार ने आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य वर्ग, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक वर्ग के लोगों की पुत्री के लिए शादी अनुदान योजना शुरू की थी. इस योजना के लिए पंजीकरण होने के बाद दंपत्ति को 51 हजार रुपये की आर्थिक सहायता अपनी बेटी के विवाह के शगुन के तौर पर दी जाती है.
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रिपोर्ट : चमन शर्मा