अब्बास अंसारी भड़काऊ बयान मामला, हाई कोर्ट में आज होगी अंतिम सुनवाई, एफआईआर पर उठाए सवाल

अब्बास अंसारी के वकील की दलील है कि विवादित बयानबाजी के मामले में चुनाव आयोग उन पर 24 घंटे की पाबंदी लगा चुका है. एक ही मामले में दो बार आरोपी नहीं बनाया जा सकता है. ऐसे में एफआईआर दर्ज किया जाना पूरी तरह गलत है. आज अंतिम सुनवाई के बाद हाई कोर्ट तारीख तय करते हुए इस पर अपना आदेश सुनाएगा.

By Prabhat Khabar News Desk | January 17, 2023 7:41 AM
an image

Prayagraj: माफिया मुख्तार अंसारी के विधायक बेटे अब्बास अंसारी के भड़काऊ बयान के मामले में आज इलाहाबाद हाई कोर्ट में अंतिम सुनवाई होगी. इसके बाद कोर्ट तय तारीख पर अपना फैसला सुनाएगा.

विधानसभा चुनाव में दिया था विवादित बयान

अब्बास अंसारी ने विधान सभा चुनाव 2022 में मऊ में आयोजित रैली में अधिकारियों से हिसाब-किताब करने का भड़काऊ बयान दिया था. इस पर एफआईआर दर्ज की गई थी. अब्बास ने प्राथमिकी को चुनौती देकर इसे रद्द करने की मांग की है. इस मामले को सोमवार को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया था. लेकिन, याची के अधिवक्ता उपेंद्र उपाध्याय की ओर से किए अनुरोध के बाद आज सुनवाई होगी.

वीडियो वायरल होने पर बढ़ी मुश्किलें

अब्बास अंसारी की मुश्किलें जिस भड़काऊ बयान के बाद बढ़ी हैं, उसका वीडियो वायरल हुआ था. वीडियो के अनुसार इसमें सपा-सुभासपा गठबंधन के उम्मीदवार अब्बास अंसारी यह कहते नजर आ रहे हैं कि जिस नेता के साथ लाखों-करोड़ों बाहों का बल हो, वह बाहुबली नहीं होगा तो कौन होगा. हम हैं, हमें इससे कोई गुरेज नहीं है. अब्बास ने कहा कि अगर मेरे लोगों की इज्जत, आन, बान, शान और आबरू पर कोई आंच डालने की कोशिश करेगा तो उस आंच को बुझाना हम जानते हैं.

अफसरों को इस अंदाज में दी धमकी

अब्बास ने कहा कि आज तक बुझाया है, आगे भी बुझाएंगे, हमें कोई रोक नहीं सकता. जिस दिन लखनऊ से आ रहा था, उस दिन राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश भैया से मिला और लंबी बातचीत हुई. मैं उनसे कहकर आया हूं कि छह महीने तक किसी की ट्रांसफर पोस्टिंग नहीं होगी भइया. अब्बास ने आगे कहा कि पहले जिन्होंने लोगों के कैरियर बर्बाद किए हैं. जिन्होंने जिनके ऊपर मुकदमे लगाए हैं, पहले उन अधिकारियों का हिसाब-किताब होगा.

एक मामले में दो बार आरोपी नहीं बनाने की दलील

इसके बाद अब्बास पर इस भड़काऊ बयानबाजी को लेकर कानूनी शिकंजा कसते हुए मामला दर्ज किया गया था. वहीं अब्बास पक्ष ने इसे चुनौती दी है. अब्बास अंसारी के वकील उपेंद्र उपाध्याय की दलील है कि विवादित बयानबाजी के मामले में चुनाव आयोग उन पर 24 घंटे की पाबंदी लगा चुका है. आयोग के आदेश का पालन करते हुए उन्होंने 24 घंटे तक चुनाव प्रचार नहीं किया था. ऐसे में उन्हें एक ही मामले में दो बार आरोपी नहीं बनाया जा सकता है.

ये भड़काऊ भाषण का मामला हो सकता है, जिसमें चुनाव आयोग पहले ही कार्यवाही कर चुका है. ऐसे में एफआईआर दर्ज किया जाना पूरी तरह गलत है, क्योंकि इसमें कोई आपराधिक मामला नहीं बनता है. आज अंतिम सुनवाई के बाद हाई कोर्ट तारीख तय करते हुए इस पर अपना आदेश सुनाएगा.

Also Read: UP Politics: अखिलेश की शिवपाल से मुलाकात के बाद बदलेगी सपा की तस्वीर, इन मुद्दों पर हुआ मंथन, जल्द होगा ऐलान
अवैध निर्माण मामले में जमानत अर्जी हो चुकी है खारिज

अब्बास अंसारी की अन्य मामलों को लेकर भी मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. लखनऊ के जियामऊ में निष्क्रांत संपत्ति पर फर्जी दस्तावेजों के जरिये कब्जा कर मकान का अवैध निर्माण कराने के मामले में भी अब्बास को बीते दिनों बड़ा झटका लगा है. अब्बास जमानत अर्जी अदालत ने खारिज कर दी है.

एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष एसीजेएम अम्बरीष कुमार श्रीवास्तव ने प्रथम दृष्टया अभियुक्त के अपराध को अत्यंत गंभीर करार दिया है. अब्बास अंसारी मऊ विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं. विगत 22 दिसंबर से वह इस मामले में न्यायिक हिरासत में निरुद्ध हैं. इस मामले में अब्बास के पिता व पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी तथा भाई उमर अंसारी भी अभियुक्त हैं. मुख्तार अंसारी के विरुद्ध आरोप भी तय हो चुका है.

संबंधित खबर
संबंधित खबर और खबरें
होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version