बरसों से खाता भी नहीं खोल पाया
उत्तर प्रदेश के निकाय चुनाव की तारीखों की जल्द घोषणा की जा सकती है. ऐसे में भाजपा, सपा, बसपा, कांग्रेस और रालोद के साथ तमाम दल प्रत्याशियों की गठजोड़ में लग गए हैं. आपको बता दें इससे पहले आगरा में बसपा, सपा और भाजपा व कांग्रेस के अधिकतम प्रत्याशी पार्षद के चुनाव में कई क्षेत्रों में अपनी जगह बनाने में सफल हुए हैं. लेकिन राष्ट्रीय लोक दल ने नगर निकाय चुनाव में बरसों से खाता भी नहीं खोल पाया.
प्रत्याशियों के चयन की समस्या
अगर भाजपा, सपा और बसपा की बात की जाए तो कांग्रेस को छोड़ इन तीनों पार्टियों के पार्षदों की संख्या हमेशा अच्छी रही है. 2017 के बाद से भाजपा के पार्षदों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है. वहीं दूसरे नंबर पर बसपा और सपा के पार्षद व तीसरे पर कांग्रेस है लेकिन राष्ट्रीय लोकदल के आगरा में खास वर्चस्व ना होने के चलते कोई भी पार्षद नहीं है. ऐसे में इस बार रालोद अपने पार्षद प्रत्याशियों को मैदान में जोरदारी से उतारने का मन बना चुकी है, लेकिन उनके सामने प्रत्याशियों के चयन की समस्या खड़ी हुई है.
अच्छा प्रत्याशी तलाश किया जाएगा
अगर देखा जाए तो रालोद के पार्षद प्रत्याशी निकाय चुनावों में कुछ ज्यादा असर नहीं दिखा पाए हैं. ऐसे में पार्टी इस बार जिताऊ प्रत्याशियों पर अपना दांव लगाने का मन बना रही है. निकाय चुनाव के प्रभारी लगातार आगरा का दौरा कर रहे हैं लेकिन फिर भी निकाय चुनाव के लिए उन्हें अच्छे प्रत्याशी नहीं मिल पा रहे हैं. इसको लेकर उन्होंने आगरा में पार्टी नेताओं से कहा है कि वह सदस्यता अभियान चलाएं और पार्टी में शामिल होने वाले सदस्यों में से ही कोई अच्छा प्रत्याशी तलाश किया जाएगा.
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रिपोर्ट : राघवेंद्र गहलोत