इस मामले में 4 अप्रैल, 2022 को विनय कुमार मिश्र ने थाना गोरखनाथ में एफआईआर दर्ज कराई थी. इसमें कहा गया कि गोरखनाथ मंदिर की सुरक्षा में तैनात पीएसी के जवान अनिल कुमार पासवान पर अभियुक्त ने अचानक बांके से हमला कर गंभीर रुप से घायल कर दिया था. उनका असलहा भी छीनने का प्रयास किया. इस दौरान उनकी राइफल सड़क पर गिर गई. उन्हें बचाने के लिए दूसरा जवान आया, तो जान से मारने की इरादे से मुर्तजा उस पर भी धारदार हथियार से हमला कर दिया.
मौके पर मौजूद अन्य पुलिसकर्मियों ने घायल जवान व उनकी राइफल को उठाया. इस दौरान मुर्तजा बांका लहराते हुए व नारा-ए-तकबीर, अल्ला-हू-अकबर का नारा लगाते हुए पीएसी पोस्ट की ओर दौड़ा. इससे लोगों में अफरा-तफरी मच गई.
सुरक्षाकर्मियों ने उसके हाथ पर एक बड़े बांस से प्रहार किया गया. इससे मुर्तजा के हाथ से बांका गिर गया. फिर सुरक्षाकर्मियों ने उसे पकड़ लिया गया. अभियुक्त के पास से अन्य वस्तुओं के अलावा उर्दू भाषा में लिखी हुई एक धार्मिक किताब भी बरामद हुई थी.
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अहमद मुर्तजा से जांच पड़ताल में एजेंसियों को कई अहम सुराग मिले. खुलासा हुआ कि मुर्तजा आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया (आईएसआईएस) के संपर्क में था. उसने विदेशी सिम कार्ड भी खरीदा था. इसके जरिए वह इस खतरनाक आतंकी संगठनों के संपर्क में आया था. उसने नेपाल के रास्ते लाखों रुपया सीरिया भेजा था. मुर्तजा मुम्बई में बीटेक की पढ़ाई के दौरान ही आतंकी संगठनों के संपर्क में आ गया था.
जांच पड़ताल में मुर्तजा के विभिन्न सोशल मीडिया अकाउंट के साथ ही साथ ई-वॉलेट का डेटा विश्लेषण किया गया. मुर्तजा ने इंटरनेट मीडिया अकाउंट की पड़ताल में खुलासा हुआ है कि वह इस्लामिक अवेकनिंग फोरम पर इस्लाम की बातें सुनता और सवाल पूछता था. मुर्तजा के बैंक खातों की करीब 20 लाख रुपये मिले थे, वहीं कछ खाते निष्क्रिय पाए गए. मुर्तजा के संपर्क के मामले में पुलिस ने सहारनपुर, सिद्धार्थनगर सहित कई अन्य जगहों पर छापेमारी भी की थी, इस दौरान उसके खिलाफ कई अहम सुराग मिले थे.