Aligarh News: देश में शत्रु संपत्ति को लेकर समय-समय पर सर्वे कराया जाता रहता है. अलीगढ़ में 48 शत्रु संपत्तियां हैं, जिनमें अनोना हाउस की चर्चा खास शत्रु संपत्ति में है, जिसकी रिपोर्ट शासन ने मांगी थी. अनोना हाउस में 91 परिवार रहते हैं, जिसकी रिपोर्ट शासन को भेज दी गई है.
अलीगढ़ में 48 हैं शत्रु संपत्तियां
दरअसल, 1947 में देश को भारत-पाकिस्तान में बांटा गया, तब भारत से तमाम लोग पाकिस्तान चले गए. उन लोगों की जो संपत्ति भारत में रह गई, वह सरकारी रिकॉर्ड में शत्रु संपत्ति कहलाई, जिस पर सरकार का अधिकार रहता है. अलीगढ़ में अभी 48 शत्रु संपत्तियां तहसील कोल, अतरौली, खैर और गभाना में हैं.
कहां-कहां दर्ज हैं शत्रु संपत्ति
अलीगढ़ के हरदुआगंज, विसावनपुर सिल्ला, जवां ढ़ेंकुरा, मदार गेट शहर, जवां का वीरपुर छबीलगढ़, अतरौली के को रेह रघुपुरा, गभाना चंडौस, खैर राजपुर, टप्पल गढ़ी सूरजमल, सिविल लाइन कोठी धर्मपुर हाउस, बदरबाग सिविल लाइन, अकराबाद पिलखाना, सिविल लाइन बेगपुर, घुड़िया बाग, देहली गेट, दोदपुर सिविल लाइन, सासनी गेट सराय शत्रु संपत्ति दर्ज हैं.
खास है शत्रु संपत्ति अनोना हाउस
अलीगढ़ में अनोना हाउस खास शत्रु संपत्ति है. एडीएम प्रशासन डीपी लाल ने बताया कि शत्रु संपत्ति अभिरक्षक कार्यालय के निर्देश पर प्रशासन ने अनोना हाउस की जांच कराई थी. अनोना हाउस में कुल 91 परिवार रहते हैं, जिसकी जांच रिपोर्ट शासन को भेज दी गई है. यहां समय-समय पर शत्रु संपत्ति का सर्वे कराया जाता रहता है.
शत्रु संपत्तियों पर अवैध कब्जे का आरोप
देश के बंटवारे के बाद भारत में शत्रु संपत्तियों पर सरकार का कब्जा हो गया था, फिर भी शत्रु संपत्ति पर अवैध कब्जा करने के आरोप समय-समय पर लगते रहे हैं. अलीगढ़ में 48 शत्रु संपत्तियां सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज हैं. प्रशासन इन संपत्तियों की जांच करा रहा है. कई शत्रु संपत्तियों पर अवैध मैरिज हॉल बनाकर लाभ लिया जा रहा है.
Also Read: UP Nikay Chunav 2022: अलीगढ़ में अंतिम निर्वाचक नामावली प्रकाशित, EVM और पोस्टल बैलेट से होगी वोटिंग
रिपोर्ट- चमन शर्मा, अलीगढ़
यूपी के प्रयागराज में शादी की खुशियां मातम में बदली, फेरे से पहले ही हो गया मर्डर
झारखंड की नहर में डूबने से यूपी के दो युवकों की मौत, दोस्तों के साथ गए थे नहाने
प्रयागराज ADM के सामने उनके बेटे को रौंदते हुए निकली कार,बेटे की हुई मौत
लैप्रोस्कोपिक हर्निया सर्जरी पर राष्ट्रीय संगोष्ठी हुई आयोजित, विशेषज्ञों ने साझा किए अद्यतन अनुभव