UP Election 2022: कैराना में अमित शाह घर-घर जाकर मांग रहे वोट, डोर-टू-डोर प्रचार नीति पर आयोग की ‘नजर’

चुनाव आयोग ने यूपी में विधानसभा चुनाव 2022 के लिए राजनीतिक दलों पर प्रचार अभियान के लिए कुछ पाबंदियां लगाई हैं. इसके तहत कोई भी राजनीतिक दल पदयात्रा, रैली, साइकिल रैली, बाइक रैली आदि का आयोजन नहीं कर सकता है.

By Prabhat Khabar News Desk | January 22, 2022 4:38 PM
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Amit Shah Visit in Shamli: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के चाणक्य कहे जाने वाले अमित शाह ने शनिवार को कैराना में डोर-टू-डोर प्रचार अभियान की शुरुआत की. इस बीच चुनाव आयोग की ओर से बनाई गई डोर-टू-डोर प्रचार नीति के उलट के पांच सदस्यों की सीमा का उल्लंघन देखा गया. हालांकि, इस कैम्पेनिंग पर चुनाव आयोग की नजर तो होगी ही.

बता दें कि चुनाव आयोग ने यूपी में विधानसभा चुनाव 2022 के लिए राजनीतिक दलों पर प्रचार अभियान के लिए कुछ पाबंदियां लगाई हैं. इसके तहत कोई भी राजनीतिक दल पदयात्रा, रैली, साइकिल रैली, बाइक रैली आदि का आयोजन नहीं कर सकता है. हालांकि, आयोग ने डिजिटल कैम्पेनिंग और डोर-टू-डोर प्रचार यात्रा करने की छूट दी है. शनिवार को ही इस पाबंदी पर चुनाव आयोग की अहम बैठक भी हो रही है. इस पाबंदी को बरकरार रखने का फैसला भी किया गया है. मगर पश्चिमी यूपी के कैराना और शामली में भाजपा के दिग्गज राजनीतिज्ञ और केंद्र की मोदी सरकार में गृहमंत्री अमित शाह ने डोर-टू-डोर प्रचार अभियान की शुरुआत की.

यह कार्यक्रम पूर्व निर्धारित था. मौसम की गड़बड़ी के चलते इसे थोड़ा देर से शुरू किया गया था. शाह के आगमन के लिए उनके कार्यक्रम के प्रोटोकॉल का पालन 24 घंटे पहले से ही पालन किया जा रहा था. शाह ने शनिवार करीब 3:30 बजे डोर-टू-डोर प्रचार की शुरुआत की. वह कैराना में घर-घर जाकर लोगों से स्थानीय भाजपा प्रत्याशी को वोट देने की अपील कर रहे थे. उनके साथ भारी संख्या में सुरक्षाकर्मी और स्थानीय भाजपा कार्यकर्ता दिखे. मगर जो एक चीज नहीं दिखी वह थी, चुनाव आयोग की ओर से लगाई गई पाबंदी. उनके लश्कर में पीछे-पीछे भीड़ उमड़ी दिखी.

इस बीच अमित शाह ने स्थानीय मतदाताओं ने केंद्र की मोदी और प्रदेश की योगी सरकार की लाभकारी योजनाओं के बारे में जानकारी दी. उन्होंने भाजपा प्रत्याशियों को जिताने के लिए घर-घर जाकर वोट मांगा. साथ ही, मीडिया से कहा कि अब यूपी में पलायन नहीं होता है. पलायन करने के लिए जो मजबूर करते थे. वे खुद पलायन कर गए हैं.

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