Ayodha Ram Mandir: रामनवमी पर सूर्य देव करेंगे भगवान श्रीराम का अभिषेक, 6 मिनट तक दमकेगा प्रभु का ललाट
अयोध्या राम मंदिर की एक अनूठी विशेषता के बारे में केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने बताया. प्रत्येक नवमी को दोपहर 12 बजकर 6 मिनट पर सूर्य की किरणें राम लला के माथे को रोशन करेंगी. ऑप्टो मैकेनिकल सिस्टम के जरिए सूर्य की किरणों को रामलला की मूर्ति तक पहुंचाया जाएगा.
By ArbindKumar Mishra | January 22, 2024 6:07 PM
अयोध्या में राम मंदिर के गर्भगृह में सोमवार को श्री रामलला के नवीन विग्रह की प्राण-प्रतिष्ठा संपन्न हुई. जिसके साक्षी देश-विदेश में लाखों भक्त बने. इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विशेष अनुष्ठान में हिस्सा लिया. राम मंदिर को भव्यता प्रदान करने के साथ-साथ वैज्ञानिक तरीके से भी तैयार किया जा रहा है. मंदिर को कुछ इस तरह डिजाइन किया गया है कि प्रत्येक रामनवमी को सूर्य देव प्रभु श्रीराम का अभिषेक करेंगे.
प्रत्येक रामनवमी को दोपहर 12 बजकर 6 मिनट में सूर्यदेव श्रीराम का करेंगे अभिषेक
बताया जा रहा है कि प्रत्येक नवमी को दोपहर 12 बजकर 6 मिनट पर सूर्य की किरणें राम लला के माथे को रोशन करेंगी. अयोध्या राम मंदिर की एक अनूठी विशेषता के बारे में केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने बताया.
श्रीराम की मूर्ति पर लगाया गया सूर्य तिलक
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने बताया, श्रीराम की मूर्ति में सूर्य तिलक लगाया गया है. उस इस प्रकार डिजाइन किया गया है कि हर साल ‘श्रीराम नवमी’ के दिन दोपहर के समय सूर्य की किरणें भगवान राम की मूर्ति के माथे पर लगभग 6 मिनट तक पड़ेंगी. राम नवमी, आमतौर पर मार्च-अप्रैल में हिंदू कैलेंडर के पहले महीने के नौवें दिन मनाई जाती है, जो भगवान विष्णु के सातवें अवतार भगवान राम के जन्मदिन का प्रतीक है.
प्रत्येक रामनवमी को रामलला की मूर्ति पर सूर्य तिलक होगा. सूर्य की किरणें प्रतिमा के मस्तक पर तिलक करेंगी. इसके लिए खास तकनीक का इस्तेमाल किया गया है. जिसमें गर्भगृह के अंदर सूर्य की किरणें पहुंचेंगी और प्रभु राम का तिलक होगा. दरअसल तिलक के लिए मंदिर के तीसरे तल्ले से रामलला की मूर्ति तक पाइपिंग की गई है. ऑप्टो मैकेनिकल सिस्टम के जरिए सूर्य की किरणों को रामलला की मूर्ति तक पहुंचाया जाएगा.
राम मंदिर को कतनीकी रूप से इतना बेहतरीन बनाया गया है कि इसपर भूकंप के झटकों का भी असर नहीं होगा. बताया जा रहा है कि 6.5 रिक्टर भूकंप आने पर भी मंदिर को कोई नुकसान नहीं होगा. मंदिर 1000 वर्षों तक सुरक्षित रहेगा.