Bareilly News: आजादी के 75 साल पूरे होने पर देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है. देश को आजाद कराने में एक नई बल्कि कई भारत मां के सपूतों ने बलिदान दिया. मुल्क को ब्रिटिश हुकूमत से आजादी के लिए बड़ी कीमत चुकानी पड़ी है. लाखों लोगों की मौत के बाद देश अंग्रेजों की गुलामी से मुक्त हुआ था. बरेली कॉलेज के फारसी विभाग के शिक्षक कुतुब शाह और मौलबी महमूद हसन रुहेला सरदार नवाब खान बहादुर खान के आजादी से जुड़े लेख और फरमान को प्रेस में छाप कर लोगों के बीच बांटते थे. ब्रिटिश हुकूमत के अफसरों ने यह ने करने की चेतवानी दी. मगर, इसके बाद भी शिक्षक कुतुब शाह नहीं मानें.
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