अदालत के सख्त रुख के बाद यूको बैंक और पनकी पुलिस की तरफ से सत्यापन रिपोर्ट को कोर्ट में दाखिल कर दिया गया. अब नौबस्ता पुलिस और रजिस्ट्री कार्यालय की सत्यापन रिपोर्ट का इंतजार है. दोनों रिपोर्ट आने के बाद ही कोर्ट से खुशी की रिहाई का आदेश जारी हो सकेगा, इसके बाद ही वह जेल की सलाखों से बाहर आ पाएगी.
सात दिन बीत जाने पर भी नहीं पहुंची थी रिपोर्ट
खुशी दुबे की जमानत के लिए पिता, भाई और बहन ने रजिस्ट्री और बैंक की एफडी के कागजात कोर्ट में दिए थे. जमानत का सत्यापन कराने के लिए कोर्ट ने पनकी और नौबस्ता पुलिस, यूको बैंक और रजिस्ट्री कार्यालय को कागजात भेजे थे. इस पर इन सभी को जमानतों की सत्यापन रिपोर्ट देनी थी. सात दिन से ज्यादा बीतने के बाद भी रिपोर्ट नहीं आई तो एडवोकेट शिवाकांत दीक्षित ने सोमवार को कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया.
इस पर एडीजे-13 शैलेन्द्र कुमार वर्मा की कोर्ट ने बैंक अधिकारियों और दोनों थानों के इंस्पेक्टर को 19 जनवरी को कोर्ट में हाजिर होकर स्पष्टीकरण देने के आदेश दिए. इसके बाद तेजी दिखाते हुए दोपहर में यूको बैंक की ओर से विशेष वाहक ने कोर्ट में सत्यापन रिपोर्ट दाखिल कर दी. शाम होते-होते पनकी थाने के पैरोकार ने एडीजे-13 कोर्ट के साथ किशोर न्याय बोर्ड पहुंच कर सत्यापन रिपोर्ट सौंप दी.
जनपद बदलने के कारण हो सकती है देर
एडवोकेट शिवाकांत दीक्षित का कहना है कि घटनास्थल कानपुर शहर में आता है, जबकि इसका न्याय क्षेत्र कानपुर देहात कोर्ट में है. जिला बदलने के कारण सत्यापन के लिए डाक से संबंधित पुलिस, बैंक और रजिस्ट्री ऑफिस में प्रपत्र भेजे गए.
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इसके बाद पुलिस से रिपोर्ट मंगाने के लिए डीसीपी साउथ और डीसीपी वेस्ट की ऑफिशियल ईमेल आईडी पर ईमेल किया गया है. इनमें से दो लोगों ने विशेष वाहक के जरिए कोर्ट में जाकर सत्यापन रिपोर्ट को दाखिल करा दिया है. जल्द ही नौबस्ता पुलिस की ओर से सत्यापन रिपोर्ट आने की उम्मीद है. इसके बाद कोर्ट सत्यापन चेक कर रिहाई का लिखित आदेश जारी करेगी. फिर खुशी को जेल से बाहर भेजा जाएगा.
रिपोर्ट: आयुष तिवारी