शाक्य वोटबैंक में रघुराज की है अच्छी पकड़
बीजेपी में शामिल होने से पहले रघुराज सिंह शाक्य को शिवपाल सिंह यादव के करीबी नेताओं में गिना जाता था. रघुराज शाक्य साल 1999 और 2004 में समाजवादी पार्टी से दो बार सांसद भी रह चुके हैं. इटावा के रहने वाले शाक्य 2012 में भी सपा के टिकट पर इटावा सदर से चुनाव लड़े और जीत दर्ज की. शाक्य वोटबैंक में रघुराज की अच्छी पकड़ मानी जाती है. इसके अलावा मैनपुरी में उन्हें बड़े जनाधार वाले नेताओं में गिना जाता है. मैनपुरी में दूसरे नंबर पर सबसे अधिक वोटर्स के समाज का नेता उतारकर बीजेपी ने बड़ी चाल चली है. मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव के लिए बीजेपी से टिकट मिलने के बाद रघुराज शाक्य ने पीएम मोदी, सीएम योगी और पार्टी को धन्यवाद किया.
मैनपुरी लोकसभा सीट का जातीय समीकरण
मैनपुरी लोकसभा सीट पर अगर जातीय समीकरण की बात की जाए तो सर्वाधिक बाहुल्य यहां पर यादवों का है. इस सीट पर यादव मतदाता करीब सवा चार लाख की संख्या में है, और उसके बाद शाक्य मतदाता हैं, जिनकी संख्या करीब सवा तीन लाख हैं. यहां क्षत्रिय मतदाता सवा दो लाख, ब्राह्मण 110000 और दलित वोट करीब 120000 है. इसके अलावा मैनपुरी सीट पर एक लाख लोधी, 70000 वैश्य और 55000 मुस्लिम मतदाता भी है.
उपचुनाव के लिए पांच दिसंबर को होगा मतदान
मैनपुरी संसदीय सीट 10 अक्टूबर को सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद खाली हुई थी. चुनाव आयोग के मुताबिक, उत्तर प्रदेश में उपचुनावों के लिए नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख 17 नवंबर है, जबकि नामांकन पत्रों की जांच 18 नवंबर को होगी. 21 नवंबर उम्मीदवारी वापस लेने की आखिरी तारीख है. उपचुनाव के लिए मतदान पांच दिसंबर को होगा, जबकि मतगणना आठ दिसंबर को की जाएगी.