आजादी के बाद पहली बार रामपुर में बीजेपी को मिली एंट्री
रामपुर शहर विधानसभा सीट पर 45 साल बाद बड़ा बदलाव देखने को मिला है. पहली बार ऐसा हुआ है, जब सपा नेता आजम खां के परिवार से कोई भी सदस्य रामपुर के चुनावी मैदान में नहीं था और पहली बार उपचुनाव के जरिए रामपुर में बीजेपी ने शानदार तरीके से जीत दर्ज कर एंट्री की है. रामपुर शहर सीट से आजम खां 1977 से चुनाव लड़ते आ रहे हैं. पहला चुनाव वह हार गए थे, लेकिन इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा, आजम 1980 से लेकर अब तक 10 चुनाव जीत चुके हैं, लेकिन बीजेपी की रामपुर में एंट्री सपा के लिए बहुत बड़ा झटका है.
रामपुर में कब-कब कौन बना विधायक
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आजम खान के धुरविरोधियों में गिने जाते हैं आकाश सक्सेना
दरअसल, रामपुर में उपचुनाव की वजह भी आकाश सक्सेना हैं. सक्सेना की शिकायत पर ही हेट स्पीच मामले में सपा नेता आजम खान की सदस्या रद्द हुई थी, जिसके बाद उपचुनाव की तारीखों का ऐलान हुआ और जब मतगणना हुई तो इतिहास ही बदल गया. आकाश सक्सेना की पहचान आजम खां के धुरविरोधियों में है, क्योंकि उन्होंने आजम के खिलाफ कई मुकदमे दर्ज करा रखे हैं. आकाश के पिता पूर्व मंत्री शिव बहादुर सक्सेना चार बार विधायक रहे हैं. आकाश इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन रामपुर के अध्यक्ष भी रहे हैं. आकाश को रामपुर के चर्चित नेताओं में गिना जाता है.