Mathura: ब्रज क्षेत्र में बसंत पंचमी से शुरू हुआ 41 दिन का होली उत्सव, बांके बिहारी मंदिर में जमकर उड़ा गुलाल

बसंत पंचमी पर गुरुवार को सबसे पहले बांके बिहारी को गुलाल का टीका लगाया गया और इसके बाद मंदिर में मौजूद भक्तजनों के ऊपर बांके बिहारी के गुलाल रूपी प्रसाद को बरसाए गया, जिससे सभी भक्त बांके बिहारी की भक्ति में लीन होकर झूमने लगे.

By Prabhat Khabar News Desk | January 26, 2023 2:19 PM
an image

Mathura: धर्म नगरी में बसंत पंचमी से होली के बड़े पर्व की शुरुआत हो गई है. ब्रज क्षेत्र में अब होली का पर्व 41 दिनों तक मनाया जाएगा. बांके बिहारी मंदिर में गुरुवार को हजारों भक्तों ने गुलाल से होली खेली. बसंत पंचमी के दिन बांके बिहारी को पीले वस्त्र पहनाए गए और पीले गुलाल व पीले फूलों से सजाया गया. आपको बता दें कि ब्रज क्षेत्र में मनाए जाने वाला होली का उत्सव पूरे विश्व में प्रसिद्ध है. लाखों की संख्या में देशी-विदेशी पर्यटक इस उत्सव में शामिल होने आते हैं.

आज से देश में बसंत की शुरुआत हो गई. आज बसंत पंचमी का त्योहार बड़े ही धूमधाम से पूरे देश में मनाया जा रहा है. लेकिन, ब्रज क्षेत्र में इस पर्व का अलग ही महत्व है. बांके बिहारी मंदिर के सेवायत अरविंद गोस्वामी ने बताया कि ब्रज में बसंत पंचमी के दिन से 41 दिन के होली उत्सव की शुरुआत हो जाती है.

बसंत पंचमी के दिन क्षेत्र के सभी मंदिरों में जमकर गुलाल उड़ाया जाता है. सर्वप्रथम यह गुलाल आराध्य को भेंट किया जाता है, जिसके बाद भक्तों के ऊपर इस गुलाल की बरसात होती है और भक्त अपने आराध्य के सामने भाव विभोर होकर इस दिन को बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं.

गुरुवार सुबह हजारों की संख्या में भक्त वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर में पहुंचने लगे. क्योंकि बांके बिहारी मंदिर में बसंत पंचमी पर होली का उत्सव शुरू होना था. बसंत पंचमी से ही ब्रज में 41 दिन के होली उत्सव की शुरुआत हो जाती है. माना जाता है कि बसंत पंचमी के दिन ही बसंत ऋतु का भी आगमन शुरू हो जाता है.

बसंत पंचमी पर गुरुवार को सबसे पहले बांके बिहारी को गुलाल का टीका लगाया गया और इसके बाद मंदिर में मौजूद भक्तजनों के ऊपर बांके बिहारी के गुलाल रूपी प्रसाद को बरसाए गया, जिससे सभी भक्त बांके बिहारी की भक्ति में लीन होकर झूमने लगे.

आपको बता दें वैसे तो होली पूरे विश्व में प्रसिद्ध है. लेकिन, ब्रज क्षेत्र में होली का महत्व बेहद ज्यादा है. राधा रानी और श्री कृष्ण के समय से ही ब्रज क्षेत्र में होली बड़े धूमधाम से मनाई जाती है. ब्रज क्षेत्र में रंगों और गुलाल की होली के साथ लाठी-डंडों, अंगारों, लड्डू होली, लठमार होली, कपड़ा फाड़ होली व अन्य तरह की होली धूमधाम से मनाई जाती है.

संबंधित खबर
संबंधित खबर और खबरें
होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version