पत्र में कहा गया है कि उत्तर प्रदेश सरकार कृषि एवं कृषकों के निरंतर उत्कर्ष के लिए कटिबद्ध है. सरकार का प्रयास है कि प्रदेश के किसान बिना किसी कठिनाई और भय के निरंतर प्रदेश की अर्थव्यवस्था में अपना अत्यन्त महत्वपूर्ण योगदान देते रहे.
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पत्र में कहा गया है, प्रदेश सरकार की यह मंशा है कि कोविड-109 महामारी के समय किसानों का सर्वोच्च हित सुनिश्चित करते हुए प्रदेश के विभिन्न जनपदों में किसानों के विरुद्ध परली एवं पराली जलाने के संबंद में भारतीय दण्ड संहित , 1860 की धारा -188, 278, 290 और 291 के अंतर्गत प्रदेश के विभिन्न जनपदों में कुल 868 लघु प्रकृति के अभियोगों को राज्य की अर्थव्यवस्था तथा कृषकों के हित में अविलंब निस्तारित कराया जाये.
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दरअसल, 25 अगस्त को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किसानों के साथ वर्चुअल संवाद के दौरान यह एलान किया था कि पराली जलाने को लेकर जो मुकदमे किसानों के खिलाफ दर्ज हुए हैं, उन सभी को वापस लिया जाएगा. उन्होंने अधिकारियों को ऐसे किसानों की सूची बनाने का भी निर्देश दिया था, जिनसे जुर्माना वसूला गया है. साथ ही यह भी कहा था कि किसानों को जुर्माना वापस करने की प्रक्रिया तुरंत शुरू की जाए.
मुख्यमंत्री से इस दौरान गन्ना किसानों ने भुगतान और गन्ने का समर्थन मूल्य बढ़ाए जाने की भी बात रखी थी, जिस पर उन्होंने तुरंत अधिकारियों को जल्द ही गन्ना मूल्य बढ़ाने का आदेश जारी करने का निर्देश दिया था.
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Posted by : Achyut Kumar