Lucknow: लेवाना होटल प्रबंधक को नोटिस जारी, 9 दिसंबर तक नहीं किया ध्वस्तीकरण तो बुलडोजर लेकर पहुंचेगा LDA

लखनऊ के होटल लेवाना (Hotel Levana Fire) अग्निकांड मामले में दो महीने बाद एलडीए ने बुलडोजर चलाने का अल्टीमेटम दिया है. अवैध रूप से बनाए गये होटल में चार लोगों की मौत के मामले में जिम्मेदार मानते हुए एलडीए ने प्रबंधक को नोटिस जारी किया है. इस नोटिस में 9 दिसंबर तक खुद ही होटल तोड़ने का आदेश दिया है.

By Sohit Kumar | November 15, 2022 7:16 AM
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Lucknow News: राजधानी लखनऊ के होटल लेवाना (Hotel Levana Fire) अग्निकांड मामले में दो महीने बाद एलडीए ने बुलडोजर चलाने का अल्टीमेटम दिया है. अवैध रूप से बनाए गये होटल में चार लोगों की मौत के मामले में जिम्मेदार मानते हुए एलडीए ने प्रबंधक को नोटिस जारी किया है. इस नोटिस में 9 दिसंबर तक खुद ही होटल तोड़ने का आदेश दिया है. निर्देश का पालन न करने की स्थिति में एलडीए खुद ध्वस्तीकरण की कार्रवाई करेगा.

निर्देश का पालन न करने पर बुलडोजल लेकर पहुंचेगा एलडीए

आदेश में कहा न्यायालय की सुनवाई में होटल प्रबंधक को पूरा मौका दिया गया, मगर निर्माण के वैध होने के कोई साक्ष्य पेश नहीं कर पाए. जोन छह के विहित प्राधिकारी राम शंकर ने नोटिस में कहा कि, इस आदेश के पारित होने के बाद 16 दिन में अवैध निर्माण हटाने का निर्देश दिया जाता है. निर्देश का पालन न होने की स्थिति में विकास प्राधिकरण स्वयं अवैध निर्माण को ध्वस्त कर देगा और प्रबंधक से खर्च वसूल करेगा.

होटल मालिक समेत तीन पर दर्ज किया गया मामला

मामले में लखनऊ विकास आयुक्त इंद्र मणि त्रिपाठी ने पुष्टि करते हुए बताया कि, आदेश पारित कर दिया गया है. आग लगने के बाद, लखनऊ पुलिस ने मामला दर्ज किया था और तीन लोगों को गिरफ्तार किया था – दो होटल मालिक रोहित अग्रवाल और उनके चचेरे भाई राहुल अग्रवाल और होटल प्रबंधक सागर श्रीवास्तव. उन पर आईपीसी की धारा 304 (लापरवाही से मौत) और 308 (गैर इरादतन हत्या का प्रयास) के तहत मामला दर्ज किया गया था.

15 अधिकारियों को निलंबित और चार को सेवानिवृत्त करने का आदेश

पुलिस ने होटल के मालिकों और प्रबंधक के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी में कहा कि, होटल प्रबंधक नेअप्रिय स्थिति में लोगों के बाहर निकलने की उचित व्यवस्था नहीं की थी. उत्तर प्रदेश सरकार ने इस घटना की जांच के लिए लखनऊ पुलिस आयुक्त एसबी शिराडकर और आयुक्त (लखनऊ मंडल) रोशन जैकब की एक समिति गठित की. पैनल की रिपोर्ट के आधार पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने चार अलग-अलग विभागों के 15 अधिकारियों को निलंबित करने और चार सेवानिवृत्त अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने का आदेश दिया.

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