2019 में शुरू हुई थी योजना
उत्तर प्रदेश में अगस्त 2019 से मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना संचालित की गई थी. इस योजना में बेटियों के जन्म से लेकर उच्च शिक्षा हासिल करने तक समय-समय पर कुल 15 हजार रुपये की धनराशि सरकार द्वारा दी जाती है. इस योजना के लिए कानपुर में 2120 लोगों ने आवेदन किया था. जिस पर जिला प्रोबेशन अधिकारी के द्वारा पात्रों की जांच की गईं. जिसमें ग्रामीण क्षेत्रों से आए आवेदन की जांच में 1207 फॉर्म को निरस्त कर दिया गया.
क्या है कन्या सुमंगला योजना
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बेटियों के भविष्य को बेहतर बनाने के लिए कन्या सुमंगला योजना की शुरुआत की है. बेटियों की परवरिश और शिक्षा में पैसा बाधा न बने और समाज में बेटियों को उनका उचित स्थान दिलाने के लिए शुरू की गई. इस योजना में कन्याओं के जन्म से लेकर उनकी शादी तक का पूरा खर्च राज्य सरकार द्वारा उठाया जाता है. इस योजना का लाभ एक परिवार की अधिकतम दो बेटियों को दिया जाता है. सुमंगला योजना में बेटियों की शिक्षा के साथ ही साथ उनके स्वास्थ्य का भी ध्यान रखा जाता है.
कौन ले सकता है योजना का लाभ
कन्या सुमंगला योजना के तहत सरकार पात्र परिवार की दो बेटियों को आर्थिक सहायता देती है. पहली किस्त लड़की के जन्म के समय दी जाती है और दूसरी किस्त लड़की के टीकाकरण के लिए दी जाती है. नवजात बालिकाओं, जिनका जन्म 01/04/2019 या उसके बाद हुआ है, उन्हें 2000 एक मुश्त धनराशि दी जाएगी.
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द्वितीय श्रेणी में वो बालिकाएं शामिल हैं, जिनका एक वर्ष के भीतर पूर्ण टीकाकरण हो चुका है और उनका जन्म 01/04/2018 से पहले न हुआ हो. इन्हें 1000 की धनराशि दी जाएगी. वही जब बेटी के कक्षा 6 में प्रवेश के समय 3,000 रुपये की राशि दी जाती है. 8वीं क्लास में एडमिशन के समय 5,000 रुपये दिए जाएंगे. इसके बाद कक्षा 10 पास करने पर 7,000 और 12वीं पास करने के बाद ग्रेजुएशन में एडमिशन के लिए बेटियों को 8,000 रुपये दिए जाते हैं. इसके साथ ही जब बेटी 21 वर्ष की हो जाएगी तब सरकार उसकी शादी के लिए 2 लाख रुपये का आर्थिक सहयोग देती है.
रिपोर्ट:आयुष तिवारी