दरअसल, प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना-फेज-टू के तहत पात्र लोगों के लिए अप्रैल से सितंबर तक पांच किलोग्राम प्रति यूनिट प्रति माह के मात्रानुसार मुफ्त खाद्यान्न का आवंटन मिला है. राशन के लिए नमक, दाल, चना और रिफाइंड सोयाबीन ऑयल की आपूर्ति ब्लॉक स्तरीय गोदामों पर निर्धारित समय पर की जाएगी. साथ ही वस्तुओं की मात्रा और गुणवत्ता का भी सत्यापन कराया जाएगा. ब्लॉक गोदामों पर वस्तुओं की प्राप्ति सुगमता से सुनिश्चित कराने के लिए जिला खाद्य विपणन अधिकारी नोडल अधिकारी होंगे.
यूपी में नि:शुल्क खाद्यान योजना तीन माह तक
योगी 2.0 सरकार ने पहली ही कैबिनेट बैठक में 15 करोड़ जनता को नि:शुल्क खाद्यान योजना तीन माह तक बढ़ा दी है. पहले यह योजना मार्च 2022 तक थी. मगर नवगठित यूपी की योगी आदित्यनाथ कैबिनेट की पहली बैठक में इस योजना को 3 माह तक बढ़ाने पर मुहर लगा दी गई. बता दें कि इस योजना को कोरोना काल में शुरू किया गया था. वहीं, विपक्ष का कहना था कि चुनाव के बाद इस योजना को बंद कर दिया जाएगा.
क्या है मुफ्त अनाज योजना?
बता दें कि कोरोना काल में शुरू की गई इस योजना के तहत देश के 80 करोड़ लोगों को हर महीने पांच किलो मुफ्त राशन दिया जाता है. इस योजना कि सीमा 30 नवंबर को खत्म हो रही थी लेकिन इसे बाद में बढ़ाकर मार्च तक कर दिया गया था. इस योजना के तहत यूपी 15 करोड़ गरीब परिवारों को मुफ्त अनाज मुहैया कराया जाता है. यूपी में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के तहत गेहूं और चावल के साथ ही नमक, चना और रिफाइंड तेल दिया जाता है, जबकि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत गेहूं और चावल बांटा जाता है.