Lucknow: उत्तरायणी कौथिग मेला अवध में रहने वाले मैदानी और पर्वतीय लोगों के बीच के बंधन को मजबूत करता है. उत्तरायणी कौथिग मेले का आयोजन साल में एक बार 10 दिन के लिए होता है. जिसकी परम्परा सालों से चली आ रही है. 10 दिवसीय आयोजित कौथिग मेले में पर्वतीय संस्कृति, कला और वहां के अध्यात्म व धर्म पर आधारित कार्यकर्मों का आयोजन होता है. इस कार्यक्रम से हनुमान सेतु मंदिर के पास गोमती तट का परिसर जगमगा उठा है.
पर्वतीय महापरिषद के अथक प्रयासों से उत्तरायणी कौथिग कार्यक्रम ने अपना मुकाम हासिल किया है. कौथिग मेले से अवध में रहने वाले मैदानी और पर्वतीय लोगों के बीच के बंधन को मजबूत करता है. यही कारण है कि कौथिग मेले का अवध में रहने वाले मैदानी और पर्वतीय लोग पूरा साल इंतज़ार करते है. साल का ये 10 पर्वतीय समाज के लिए बहुत महत्वपर्ण है. उत्तरायणी कौथिग कार्यक्रम को देखकर लगता है की हम उत्तराखंड आ गए है.
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