कानपुर उपद्रव मामले में छापेमारी जारी
घटना के बाद से गिरफ्तारी और छापेमारी की कार्रवाई लगातार जारी है. पुलिस इस मामले में एमएमए जौहर फैंस एसोसिएशन के अध्यक्ष हयात जफर हाशमी की तलाश कर रही है, जोकि हिंसा का मास्टरमाइंड बताया जा रहा है. दरअसल हयात जफर हाशमी समेत कई नेताओं ने बीजेपी प्रवक्ता नुपुर शर्मा के विवादित बयान के विरोध में जुलूस निकाला था. साथ ही दूसरे समुदाय के लोगों से भी दुकानों को बंद करने को कहा था. जिसके चलते दोनों के बीच में झड़प हो गई थी.
कानपुर उपद्रव का मास्टरमाइंड है हयात जफर हाशमी
जानकारी के अनुसार, कानपुर उपद्रव का मास्टरमाइंड हयात जफर हाशमी पिछले कुछ सालों विभिन्न गतिविधियों में शामिल रहा है. और उसने कई अवैध संपत्तियां हासिल की हैं. इसके साथ ही वह सरकारी कोटे के तहत घर में राशन की दुकान चलता है. हाशमी पर आरोप है कि उसने एक पारिवारिक मामले में अपनी बहन और मां को उकसाया था, जिसके बाद दोनों ने कानपुर डीएम ऑफिस के बाहर आग लगा ली थी और इस हादसे में दोनों की मौत हो गई थी.
सोशल मीडिया के जरिए भीड़ को किया एकत्रित
बताया जा रहा है कि हाशमी ने ही सोशल मीडिया के जरिए भीड़ को एकत्रित किया था. वह सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहता है, पहले भी कई बार लोगों को उपद्रव मचाने के लिए उकसा चुका. पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक, वह सीएए और एनआरसी के विरोध प्रदर्शन के दौरान भी वह काफी सक्रिय रहा था.
बवाल का एक भी दोषी बचना नहीं चाहिए- सीएम योगी
कानपुर दौरे पर आए पीएम नरेंद्र मोदी को विदा करने के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने तत्काल कानपुर उपद्रव की घटना पर संज्ञान लिया. उन्होंने बिना किसी देरी के कानपुर में ही मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्र और डीजीपी डीएस चौहान से बवाल की पूरी जानकारी ली. मुख्यमंत्री ने हिदायत दी कि बवालियों पर इस तरह से कार्रवाई की जाए कि एक भी दोषी बचे नहीं. उन्होंने अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी को फोन कर कहा कि पल-पल की जानकारी दें और बवालियों से सख्ती से निपटें. डीजीपी से कहा कि बवालियों की पहचान होने के बाद जितनी सख्त धाराएं लग सकती हैं वो भी लगाई जाएं.
रिपोर्ट: आयुष तिवारी