2 अगस्त 2010 में गिराने का दिया गया था आदेश
जांच में पाया गया कि अलाया अपार्टमेंट को गिराने का आदेश 2 अगस्त साल 2010 में दिया गया था. तत्कालीन विहित प्राधिकारी राकेश कुमार मिश्र ने एलडीए को आदेश दिया था. लेकिन 12 साल 5 महीने तक इस आदेश को एलडीए प्रशासन ने छिपाकर रखा.
दो बार इस बिल्डिंग का नक्शा निरस्त कर दिया गया था. लेकिन इसके बाद भी इसे गिराया नहीं गिया. शुरुआती जांच में पता चला कि अलाया अपार्टमेंट में पिलर सिर्फ 18 इंच के थे. इसके बावजूद भी अपार्टमेंट के बेसमेंट में अवैध तरीके से खुदाई चल रही थी. इस अपार्टमेंट को यजदान बिल्डर ने बनाया था. अलाया अपार्टमेंट गिराने के बाद गिरने के बाद यजदार बिल्डर की तीन और बिल्डिंग चिन्हित की गई है. जिसपर जल्द ही कार्रवाई की जाएगी.
यजदान बिल्डर पर FIR के साथ अन्य इमारतों की जांच शुरू
मंडलायुक्त रोशन जैकब ने लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) के अधिकारियों को अपार्टमेंट के मालिक- मोहम्मद तारीक, नवाजिश शाहिद के साथ ही अपार्टमेंट का निर्माण कराने वाले यजदान बिल्डर पर तत्काल मुकदमा पंजीकृत कराने के निर्देश जारी कर दिए हैं. मंडलायुक्त ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि, यजदान बिल्डर्स के द्वारा बनाई गई अन्य इमारतों को भी चिह्नित कर जांच की जा रही है. अवैध निर्माण की स्थिति में तत्काल ध्वस्तीकरण कराया जाएगा.
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बताते चलें कि यजदान बिल्डर के मालिक सायम और फहद यजदानी हैं. जिनपर एफआईआर दर्ज हुई है. जमीन मालिक नवाजिश मंजूर पर भी FIR की गई है. फहद के सहयोगी मोहम्मद तारिक पर भी FIR हुई है.