माघ पूर्णिमा पर स्नान का महत्व
ज्योतिषाचार्य ऋषि द्विवेदी ने बताया माघ मास यानी माघ पूर्णिमा भगवान विष्णु को सबसे अधिक प्रिय है. क्योंकि इस दिन प्रभु विष्णु गंगाजल में वास करते हैं. इसलिए इस दिन गंगा में स्नान का खास महत्व है. मान्यता है कि पूर्णिमा के दिन गंगाजल का स्पर्श करने मात्र से ही व्यक्ति को बैकुंठ धाम की प्राप्ति होती है.
माघ पूर्णिमा दान
गंगा में स्नान करने के बाद काले तिल का दान करें. इसके अलावा इस दिन गरीबों के बीच कपड़े, कंबल, खाना, गुड का दान करना चाहिए. बता दें इस दिन काले का तिल का खास महत्व है. ज्योतिषाचार्य ऋषि द्विवेदी के अनुसार माघ पूर्णिमा के दिन इन चीजों का दान करने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है और रुके हुए काम होंगे.
Also Read: Magh Purnima 2023 Date: कब है माघ पूर्णिमा? यहां जानें सही तारीख, शुभ मुहूर्त और महत्व
माघ पूर्णिमा पूजा-विधि
माघ पूर्णिमा के दिन सुबह उठकर सबसे पहले गंगा नदी में स्नान करें. इसके बाद सूर्य देव को अर्घ्य दे. फिर पूजा स्थान पर पीला वस्त्र बिछाकर भगवान विष्णु की मूर्ति के साथ मां लक्ष्मी को रखें. इसके बाद श्री लक्ष्मी नारायण की चंदन, रोली, केसर फल, फूल आदि से पूजा करें. साथ ही भगवान श्री सत्यनारायण की कथा का पाठ करें. ऐसा करने से मां लक्ष्मी और श्री विष्णु की असीम कृपा बनी रहेगी और सुख-सौभाग्य धन संतान की प्राप्ति होती है.
माघ पूर्णिमा 2023 का शुभ मुहूर्त
माघ पूर्णिमा 2023 शुरू होने की तारीख 4 फरवरी 2023 को रात 9 बजकर 29 मिनट से अगले दिन 5 फरवरी 2023 को रात 11 बजकर 58 मिनट तक है. उदया तिथि को मानते हुए माघ पूर्णिमा के अनुष्ठान 5 फरवरी 2023 (5 February ) तक किये जायेंगे.