मकर संक्रांति (Makar Sankranti) सूर्य की गति के अनुसार मनाया जाता है. हर साल मकर संक्रांति 14 जनवरी को मनाया जाता है. जब पौष मास में सूर्य धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करता है. उस समय को संक्रांति कहते हैं. वैसे तो हर महीने में सूर्य 12 राशियों में से एक के बाद दूसरे में प्रवेश करता रहता है. मकर संक्रांति को देव पर्व के नाम से भी जाना जाता है.
पंडित जितेंद्र शास्त्री के अनुसार रात में जब संक्रांति हो तो पुण्य काल अगले दिन ही होता है. इसी तरह हर साल मकर संक्रांति 14 को मनाया जाता है. लेकिन इस बार सूर्य 14 जनवरी को आधी रात करीब एक बजकर 25 मिनट में मकर राशि में प्रवेश करेगा. जिसका पुण्यकाल 15 जनवरी को है. इस लिए इस साल 15 जनवरी को ही मकर संक्रांति मनाई जाएगी.
जाह्नवी राजपुरोहित के अनुसार इस साल मकर संक्रांति को लेकर सभी लोग असमंजस में हैं. लेकिन इस साल मकर संक्रांति 15 जनवरी दिन रविवार (Makar Sankranti 2023 Day) को मनाया जाएगा. यह प्रक्रिया हर दो साल के अंतराल में बदलता रहेगा. लीप ईयर आने के वजह से मकर संक्रांति साल 2017, 2018 और 2021 में 14 जनवरी को मनाया गया था. साल 2019 और 2020 में 15 जनवरी को मनाया गया था. यह प्रक्रिया साल 2030 तक चलेगी.
साल 2023 में मकर संक्रांति 15 जनवरी दिन रविवार को है. मकर संक्रांति का शुभ मुहूर्त 15 जनवरी सुबह 8 बजकर 57 मिनट रहेगा. पुण्य काल सुबह 7 बजकर 15 मिनट से 5 बजकर 46 मिनट तक रहेगा. दोपहर (अवधि – 10 घंटे 31 मिनट) और मकर संक्रांति महा पुण्य काल सुबह 7 बजकर 15 मिनट पर शुरू होगा और रात 9:00 बजे समाप्त होगा (अवधि – 1 घंटा 45 मिनट) है.