ज्ञानवापी मामले के बीच मथुरा के शाही ईदगाह में अभिषेक की उठी मांग, हिन्दू महासभा ने मांगी इजाजत
Mathura News: काशी की ज्ञानवापी मस्जिद के बाद अब मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि का मामला भी तूल पकड़ता जा रहा है. ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर जारी विवाद के बीच अब मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मस्थली व शाही ईदगाह के मामले में एक नयी मांग उठ गयी है.
By Prabhat Khabar News Desk | May 18, 2022 4:37 PM
Mathura News: काशी की ज्ञानवापी मस्जिद के बाद अब मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि ( Mathura Srikrishana Temple) का मामला भी तूल पकड़ता जा रहा है. ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर जारी विवाद के बीच अब मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मस्थली व शाही ईदगाह के मामले में एक नयी मांग उठ गयी है. अखिल भारतीय हिंदू महासभा के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष दिनेश कौशिक ने शाही ईदगाह में लड्डू गोपाल के अभिषेक की इजाजत को लेकर सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में प्रार्थना पत्र दाखिल किया है. कोर्ट ने उनकी यह याचिका स्वीकार करते हुए सुनवाई के 1 जुलाई की तारीख तय की है.
Mathura, UP | We have requested the court that we be allowed to perform the 'abhishek' of Laddu Gopal ji at the ancient temple. We had sought permission from dist admn earlier too: Dinesh Kaushik, petitioner & Hindu Mahasabha treasurer pic.twitter.com/xYK8bXa9K9
हिंदू महासभा कोषाध्यक्ष सतीश कौशिक ने बताया कि आज, हमने अदालत के समक्ष एक याचिका दायर की है. जिसमें कहा गया है कि यदि हिंदू मंदिरों-मठों पर कोई अतिक्रमण होता है, तो संगठन अदालत में अपील करेगा. इसलिए, हमने अदालत से अनुरोध किया है कि हमें ‘अभिषेक’ के लिए अनुमति दी जाए. बता दें कि अखिल भारत हिंदू महासभा ने इससे पहले 6 दिसंबर 2021 को शाही ईदगाह में लड्डू गोपाल के जलाभिषेक का ऐलान किया था. हालांकि प्रशासन की सख्ती के कारण अखिल भारत हिंदू महासभा जलाभिषेक करने में कामयाब नहीं हो सकी थी.
बता दें कि मथुरा में कुल 13.37 एकड़ जमीन के मालिकाना हक को लेकर सिविल कोर्ट में पहले से एक मामले पर सुनवाई चल रही है. इस जमीन में से 11 एकड़ भूमि मंदिर के पास है और बाकि ईदगाह के पास. श्रीकृष्ण जन्म भूमि मुक्ति न्यास के अध्यक्ष और कोर्ट में याचिका दाखिल करने वाले वादी महेंद्र प्रताप सिंह ने अदालत में अर्जी लगाते हुए कहा है कि जिस तरह से ज्ञानवापी मस्जिद का मामला सामने आया है, अब कृष्ण जन्म भूमि की जमीन पर बनी ईदगाह के गर्भस्थल को सील किया जाए.