उनका कहना है कि सरकार की तरफ से डीजे पर भले ही कोई पाबंदी न हो, लेकिन ध्वनि प्रदूषण और फिजूल खर्ची रोकने के लिए जुलूस- ए-मुहम्मदी में डीजे पर पाबंदी लगाएं. मौलाना ने आईएमसी के पदाधिकारियों को अवाम तक पैगाम पहुंचाने का जिम्मा सौंपा है. उन्होंने कहा कि, लोगों को समझाएं के हम सरकार ए दो आलम के उम्मती हैं. हमें हर वह काम करने से बचना चाहिए. जिससे किसी दूसरे को तकलीफ पहुंचे या फिर फिजूल खर्ची हो.
दूसरों को न हो तकलीफ, रखें ख्याल
मौलाना ने कहा कि डीजे की आवाज दूसरों को तकलीफ पहुंचती है. कोई भी ऐसा काम जिस से दूसरो को तकलीफ पहुंचे या फिजूलखर्ची हो. ऐसे काम नबी ए करीम सल्ललाहो अलैहे वसल्लम को हरगिज न पसंद हैं. आम दिनों की जिंदगी हो, शादी का मौका हो या फिर कोई खुशी का मौका. हमे गैर शरई कामों से बचना चाहिए.
आईएमसी के मीडिया प्रभारी मुनीर इदरीसी ने बताया कि मौलाना ने जुलूस में शामिल होने वाली सभी अंजुमनों से गुजारिश की है. इस जश्ने ईद मिलादुन नबी से पहले हम सभी मिलकर अहद लें. हमें डीजे पर रोक लगानी है. यही सरकार ए दो आलम से सच्ची मुहब्बत और अकीदत का नजराना होगा.
आतिशबाजी छोड़ दी, तो यह भी छोड़ें
मौलाना ने कहा कि पहले हमारे यहां शबे ए बरात पर आतिशवाजी बहुत ज्यादा होती थी. लाखों रुपए की बर्बादी की जाती थी. हमारे उलेमा हजरात ने कोशिश की, इसके बाद हम इस बुराई से महफूज हैं. हमे इसी तरह डीजे पर भी पाबंदी लगानी चाहिए. हमें उम्मीद ही नहीं पूरा यकीन है,हमारे नौजवान सरकार ए दो आलम सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम से मुहब्बत अकीदत के जज्बे पर अमल करते हुए बहुत जल्द डीजे पर रोक लगाने में कामयाब होंगे.
रिपोर्ट: मुहम्मद साजिद, बरेली