Prayagraj News: एमपी एमएलए की एक विशेष कोर्ट ने बुधवार को एमएलसी बृजेश सिंह को विधान परिषद सत्र में भाग लेने की अनुमति नहीं दी है. विधायक द्वारा प्रस्तुत अर्जी को अदालत ने खारिज कर दिया है. कारण, बताया गया है विधायक बृजेश सिंह का आपराधिक इतिहास होना.
बुधवार को एमपी-एमएलए कोर्ट के जज डॉ दिनेश चंद्र शुक्ला ने डीजीसी जीसी अग्रहरि और सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता सुशील कुमार वैश्य के तर्कों को सुनने के बाद बृजेश सिंह के द्वारा दी गई अर्जी को निरस्त कर दिया. अदालत ने अपने आदेश में सुनाया है कि हाईकोर्ट की विधि व्यवस्था के अनुसार यदि कोई विधानसभा या विधान परिषद का सदस्य किसी आपराधिक मामले में निरूद्ध है तो उसे विधानसभा या परिषद में भाग लेने का कोई अधिकार नहीं है.
बता दें कि जनपद गाजीपुर के मोहम्मदाबाद थाने में हत्या और जानलेवा हमला करने के मामले में विधान परिषद सदस्य बृजेश सिंह केंद्रीय कारागार वाराणसी में निरुद्ध हैं. बृजेश सिंह की ओर से स्पेशल कोर्ट में अर्जी दाखिल कर 15 दिसंबर यानी बुधवार से शुरू हुए विधान परिषद सत्र में सम्मिलित होने की अनुमति मांगी गई थी. अपने इस प्रार्थना पत्र के साथ उन्होंने विधान परिषद के आह्वान पत्र को भी संलग्न किया गया था. अभियोजन ने अदालत के समक्ष यह तर्क दिया था कि बृजेश सिंह को जीवन का खतरा हो सकता है और वह पुलिस की पकड़ से फरार भी हो सकता है. दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद एमपी-एमएलए कोर्ट ने कहा, ‘आपराधिक पृष्ठभूमि के कारण याची को विधि व्यवस्था के आलोक में विधान परिषद में भाग लेने की अनुमति नहीं दी जा सकती है.’
रिपोर्ट : एसके इलाहाबादी
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