सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर टिकी पार्टियों की निगाहें
सुप्रीम कोर्ट में यूपी सरकार की ओर से सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने मामले की मेंशनिंग की है. इससे पहले सीजेआई चंद्रचूड़ की कोर्ट में मामले को मेंशन करते हुए सॉलिसीटर जनरल मेहता ने कहा कि, मामले को जल्द सुना जाना चाहिए. उन्होंने कोर्ट में गुरुवार को ही मामले की सुनवाई किए जाने की अपील की. वहीं दूसरी ओर यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि निकाय चुनाव के मद्देनजर उसने ओबीसी आयोग का गठन कर दिया गया है. इसलिए अब स्थानीय निकाय चुनाव ओबीसी आयोग की रिपोर्ट आने के बाद ही कराए जाएं.
इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाने की मांग
उत्तर प्रदेश सरकार ने अपनी याचिका में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच के आदेश पर रोक लगाने की की मांग की है. इससे पहले 28 दिसंबर को इस मामले इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने फैसला सुनाया था. तब कोर्ट ने अपने फैसले में बिना ओबीसी आरक्षण के ही राज्य में निकाय चुनाव कराने का आदेश दिया था. कोर्ट ने कहा था कि आरक्षण के बिना 31 जनवरी, 2023 तक चुनाव संपन्न कराया जाए.
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समाजवादी पार्टी भी पहुंची सुप्रीम कोर्ट
इधर, समाजवादी पार्टी ने ओबीसी आरक्षण को लेकर सप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल की है. पार्टी नेताओं की ओर से ओबीसी आरक्षण के साथ निकाय चुनाव कराने की मांग की गई है. सपा विधायक राम सिंह पटेल ने याचिका दाखिल की है. राम सिंह पटेल प्रतापगढ़ जिले के पट्टी विधानसभा से सपा विधायक हैं. उनके साथ सहित सात पार्टी नेताओं ने भी याचिका दायर की है. फिलहाल, विपक्षी दल हाईकोर्ट के फैसले के बाद सरकार पर भी आरक्षण खत्म करने की कोशिश करने का आरोप लगाकर हमलावर बने हुए हैं.