Twin tower की तरह ढहाई जा सकती हैं ग्रेटर नोएडा की ये इमारतें, फ्लैट मालिकों ने रखी डिमांड

Noida में पिछले हफ्ते जिला प्रशासन और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को लिखे एक लेटर में, Home buyers ने शाहबेरी में अवैध रूप से निर्मित, असुरक्षित इमारतों को गिराने की मांग की है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 12, 2022 2:01 PM
an image

नोएडा में सुपरटेक के Twin tower गिराए जाने के मद्देनजर, ग्रेटर नोएडा के शाहबेरी इलाके में घर खरीदारों के एक समूह ने स्थानीय अधिकारियों को पत्र लिखकर उनके ‘‘अवैध” मकानों को ध्वस्त करने की मांग की है, जिन्हें भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) दिल्ली के ऑडिट में ‘‘खतरनाक” घोषित किया गया है. समूह ‘‘जस्टिस फॉर शबेरी होमबॉयर्स” ने मांग की है कि अवैध संरचनाओं के विध्वंस के बाद उन्हें उत्तर प्रदेश पुनर्वास अधिनियम 2013 के मानदंडों के अनुसार मकान दिया जाए. शाहबेरी ग्रेटर नोएडा (पश्चिम) में स्थित है, इसे नोएडा एक्सटेंशन के नाम से भी जाना जाता है.

दो इमारतें गिरीं थीं 2018 में

17 जुलाई, 2018 को शाहबेरी तब सुर्खियों में आया जब एक दूसरे के अगल-बगल बनी दो इमारतें गिर गईं, जिसमें एक बच्चे और दो महिलाओं सहित नौ लोगों की मौत हो गई. बाद में जिला प्रशासन और स्थानीय प्राधिकरण की जांच रिपोर्ट में पाया गया कि भवन अवैध रूप से और उचित अनुमोदन के बिना बनाए गए थे और क्षेत्र में कई अन्य संरचनाएं इसी तरह से बनाई गई हैं. पिछले हफ्ते जिला प्रशासन और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को लिखे एक पत्र में, घर खरीदारों ने शाहबेरी में ‘‘अवैध रूप से निर्मित, असुरक्षित इमारतों” को गिराने का अनुरोध किया.

आईआईटी दिल्ली की टीम ने 2019 में किया था खतरनाक घोषित

उन्होंने कहा कि इन ‘‘असुरक्षित इमारतों” में रहना जीवन के लिए खतरनाक है क्योंकि उन्हें आईआईटी दिल्ली की टीम ने 2019 में एक संरचनात्मक ऑडिट रिपोर्ट में खतरनाक घोषित किया था. शाहबेरी निवासी सचिन राघव ने कहा, ‘‘हमने आवासीय भवनों एपीएस आशियाना, एपीएस आशियाना 2, एपीएस हाइट्स, एपीएस रॉयल होम्स, एपीएस क्रिस्टल होम्स और एपीएस गोल्ड होम्स को गिराने का अनुरोध किया है.”

ये इमारतें रहने के लिए सुरक्षित नहीं हैं

एक अन्य निवासी अभिनव खरे ने कहा कि आईआईटी दिल्ली की एक टीम ने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) के निर्देश में शाहबेरी में एक भवन सुरक्षा सर्वेक्षण किया और पाया था कि ये इमारतें रहने के लिए सुरक्षित नहीं हैं. उन्होंने कहा, ‘‘ऑडिट में पाया गया कि इन इमारतों में रहना जीवन के लिए खतरनाक है क्योंकि इमारतें कभी भी गिर सकती हैं.” ऐसी ही एक इमारत में रहने वाली और शाहबेरी की मकान खरीदार मीना महापात्रा ने भी यह मांग उठाई.

बिना मंजूरी निर्माण की अनुमति नहीं

अधिकारियों के अनुसार, शाहबेरी ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अधिसूचित क्षेत्र में आता है जहां बिना उसकी मंजूरी के किसी भी निर्माण की अनुमति नहीं है. अधिकारियों ने बताया कि 17 जुलाई, 2018 को दो इमारतों के गिरने के बाद इलाके में अवैध निर्माण को लेकर करीब 80 प्राथमिकी दर्ज की गईं और 50 से अधिक बिल्डरों के खिलाफ कार्रवाई की गई.

2019 में हुई सिफारिश

2019 में गांव शाहबेरी में स्थित 426 भवनों के ‘भवन संरचना सुरक्षा ऑडिट’ में आईआईटी दिल्ली की रिपोर्ट ने सिफारिश की कि विभिन्न श्रेणियों में भवनों के लिए संरचनात्मक सर्वेक्षण, विश्लेषण, परीक्षण और सुदृढ़ीकरण कार्यक्रम का पालन किया जाए. रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘उपरोक्त कार्यक्रम के क्रियान्यवन के समय इमारतों के निवासियों और सर्वेक्षण तथा जांच टीम की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अत्यधिक ध्यान दिया जाना चाहिए. इमारतों को खाली किया जाना चाहिए और उन मकानों को सील कर दिया जाना चाहिए जहां झुकाव और दरार सहित संरचनात्मक संकट के लक्षण दिखाई दे रहे हैं.”

संबंधित खबर
संबंधित खबर और खबरें

यहां नोएडा न्यूज़ (Noida News) , नोएडा हिंदी समाचार (Noida News in Hindi), ताज़ा नोएडा समाचार (Latest Noida Samachar), नोएडा पॉलिटिक्स न्यूज़ (Noida Politics News), नोएडा एजुकेशन न्यूज़ (Noida Education News), नोएडा मौसम न्यूज़ (Noida Weather News) और नोएडा क्षेत्र की हर छोटी और बड़ी खबर पढ़े सिर्फ प्रभात खबर पर .

होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version