ज्ञानवापी मामले में फैसला आने के पहले वाराणसी में चप्पे-चप्पे पर बढ़ी सुरक्षा, उत्साह से लबरेज हिंदू पक्ष

ज्ञानवापी प्रकरण में चार वादिनी महिलाओं के पैरोकार डॉ. सोहनलाल आर्य ने कहा है कि अदालत का फैसला आने पर हम काशी में एक धर्म शोभायात्रा निकालेंगे. इसका मुख्य लक्ष्य काशी के लोगों को धर्म के प्रति प्रोत्साहित करना है. यह तभी होगा जब प्रशासन से अनुमति मिल जाएगी. इसमें तीन सौ वाहन चलेंगे.

By Prabhat Khabar News Desk | September 12, 2022 1:52 PM
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Varanasi News: वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद-श्रृंगार गौरी मामले में उम्मीद की जा रही है कि आज फैसला आएगा. फैसले को लेकर हिंदु पक्ष बहुत उत्साहित है. उनका कहना है कि फैसला उनके पक्ष में आते ही वे काशी में एक भव्य शोभायात्रा निकालेंगे. हालांकि, इसके लिए अभी प्रशासन से अनुमति नहीं मिली है. वहीं, किसी भी प्रकार की अनहोनी को रोकने के लिए सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है. फैसला आने से पहले वाराणसी पुलिस कमिश्नरेट अलर्ट पर है. सोशल मीडिया पोस्ट और पूरे शहर पर कंट्रोल रूम से 24 घंटे नजर रखी जा रही है. आईबी, एटीएस और अन्य खुफिया विभाग ने भी शहर में डेरा डाल लिया है.

ज्ञानवापी प्रकरण में चार वादिनी महिलाओं के पैरोकार डॉ. सोहनलाल आर्य ने कहा है कि अदालत का फैसला आने पर हम काशी में एक धर्म शोभायात्रा निकालेंगे. इसका मुख्य लक्ष्य काशी के लोगों को धर्म के प्रति प्रोत्साहित करना है. यह तभी होगा जब प्रशासन से अनुमति मिल जाएगी. इसमें आगे-आगे दो सौ से लेकर तीन सौ वाहन चलेंगे. इसके बाद क्रम डमरू सदस्यों का होगा. इसके पीछे माताएं और बहनें गंगाजल से भरा कलश लेकर चलेंगी. इसके पीछे चार रथ चल रहे होंगे. पहले रथ में भगवान विशेश्वरनाथ रहेंगे मानव स्वरूप में, दूसरे रथ में मां श्रृंगार गौरी रहेंगी, तीसरे रथ में वरिष्ठ अधिवक्ता हरी शंकर जैन रहेंगे और उनके दोनों तरफ 12-12 मीटर के राजकीय ध्वज लहराते रहेंगे. चौथे रथ में अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन रहेंगे. दोनों तरफ ओम अंगीकार ध्वज लहराता रहेगा. इसके साथ काशी की पूरी जनता रहेगी.

दरअसल, ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी विवाद मामले में कोर्ट ने 12 सितंबर यानी आज तक के लिए फैसला सुरक्षित रख लिया था दोनों पक्षों की सुनवाई पूरी हो चुकी है. इससे पहले कोर्ट ने मस्जिद पक्ष के जरिए लगातार अगली तारीख मांगने से वाराणसी के जिला जज नाराज हो गए थे. हालांकि कोर्ट से समय मांगने के पीछे वजह अधिवक्ता अभय नाथ यादव के आकस्मिक निधन की वजह से तैयारी पूरी न होना बताया गया था. बता दें कि अधिवक्ता अभयनाथ यादव की अचानक हार्ट अटैक पड़ने से मौत हो गई थी. वहीं मस्जिद पक्ष की ओर से शमीम अहमद और योगेंद्र प्रसाद सिंह उर्फ मधु बाबू नए वकील नियुक्त किए गए थे.

काशी विश्वनाथ मंदिर और ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर आधा दर्जन से ज्यादा मुकदमे अलग-अलग कोर्ट में लंबित हैं. हालांकि इस मामले में तत्कालीन सिविल जज रवि कुमार दिवाकर ने सर्वे का आदेश जारी किया था. इसके बाद ज्ञानवापी मस्जिद के परिसर का सर्वे किया गया था. इसी सर्वे की के बाद मस्जिद के बजूखाने में शिवलिंग के होने का दावा किया गया. वहीं मुस्लिम पक्ष ने इसे फव्वारा बताया. इस मामले में विवाद इतना बढ़ गया कि सर्वे के खिलाफ अंजुमन इंतेजामिया कमेटी सुप्रीम कोर्ट चली गई.

अपर पुलिस आयुक्त क्राइम संतोष सिंह ने बताया की अदालत का जो भी फैसला आएगा. उसका पालन कराना पुलिस का कर्तव्य है. सोशल मीडिया की लगातार नजर बनाए हुए है. अफवाह फैलाने वाले और माहौल बिगाड़ने वालों के खिलाफ पुलिस सख्ती से पेश आएगी. हमारी लोगों से अपील है कि सभी शांतिपूर्वक रहते हुए कानून का पालन करे. कोई भी ऐसा कार्य ना करे जिसके चलते उनके खिलाफ पुलिस द्वारा कार्रवाई करनी पड़े.

रिपोर्ट : विपिन सिंह

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