आर्थिक अपराध शाखा पर लगे आरोप
याची के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि मामले की जांच कर रही आर्थिक अपराध शाखा ने बड़ी मछलियों को छोड़कर याची को बलि का बकरा बनाया है, और घोटाले में लिप्त बड़े सरकारी अधिकारियों और स्कैम करने वाली कंपनी मदन माधव फर्टिलाइजर और केमिकल्स समेत 20 नामजद आरोपियों को बरी कर दिया. केवल 5 के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई है. यह मामला 1989 से 2000 के बीच का है.
48 लाख से अधिक की सब्सिडी हड़पने का आरोप
याची पर आरोप है कि मेसर्स उज्जवल ट्रेडिंग कंपनी ने मेसर्स मदन माधव फर्टिलाइजर एवं केमिकल्स कंपनी फर्रुखाबाद को 1200 करोड़ की खाद आपूर्ति की थी, लेकिन मदन माधव फर्टिलाइजर एवं केमिकल्स कंपनी ने किसानों को खाद नहीं दी और सरकार से 48 लाख,18 हजार 243.04 रुपए की सब्सिडी हड़प ली. सरकारी खजाने को भारी नुकसान पहुंचाया. जिसे जांच अधिकारियों ने बारी कर दिया. याची का कहना है कि उज्जवल ट्रेडिंग कंपनी पहले ही घाटे के कारण बंद हो गई. हालांकि, उसके चाचा चार्टर्ड अकाउंटेंट हैं. पेपर पर कंपनी चालू रखी. अब याची के खिलाफ सीजेएम कोर्ट से सम्मान जारी हुआ है.
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10 सितंबर 2004 को दर्ज हुआ मामला
आर्थिक अपराध शाखा के उपनिरीक्षक ने कोतवाली फतेहगढ़ में 10 सितंबर, 2004 को एफआईआर दर्ज कराई. 13 साल बाद याची के खिलाफ सीजेएम कोर्ट ने सम्मन जारी किया. 2021 में भी तीन आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई है. याची ने सम्मान निरस्त करने की अपील करते हुए पुनः जांच की मांग की. जिसपर कोर्ट ने घोटाले की जांच सीबीआई को करने का निर्देश दिया है.
रिपोर्ट- एस के इलाहाबादी