UP Election 2022: प्रियंका, अखिलेश और जयंत के निशाने पर चुनाव आयोग, निष्पक्ष कदम उठाने की दे रहे ‘सीख’
प्रदेश की भाजपा सरकार के स्टार प्रचारक अपने दौरे पर कभी भी यह कहना नहीं भूलते कि वे आयोग की जारी किए कोविड गाइडलाइन का सख्ती से पालन कर रहे हैं. हालांकि, इस बीच उनके चेहरे पर न मास्क नदारद रहता है और न ही डोर-टू-डोर प्रचार यात्रा में 5 सदस्यों की सीमा.
By Prabhat Khabar News Desk | January 30, 2022 8:38 AM
Lucknow News: यूपी में विधानसभा चुनाव की घोषणा होने के साथ ही चुनाव आयोग के निर्देशों को लेकर राजनीति हो रही है. कांग्रेस, सपा और बसपा सहित AIMIM भी चुनाव आयोग पर पक्षपात का आरोप लगा रहा है. वहीं, प्रदेश की भाजपा सरकार के स्टार प्रचारक अपने दौरे पर कभी भी यह कहना नहीं भूलते कि वे आयोग की जारी किए कोविड गाइडलाइन का सख्ती से पालन कर रहे हैं. हालांकि, इस बीच उनके चेहरे पर न मास्क नदारद रहता है और न ही डोर-टू-डोर प्रचार यात्रा में नियमत: 5 सदस्य.
प्रियंका गांधी ने उठाई आवाज
भाजपा नेता भीड़ के साथ कैंपेन करें, नफरत भरी बातें करें।
प्रशासन का कोई एक्शन नहीं।
लेकिन कांग्रेस पार्टी को आज प्रयागराज में युवा घोषणापत्र जारी करने से रोका गया
सरकार के दबाव में चुनाव आयोग व प्रशासन युवाओं के एजेंडे को दबाने और लोकतंत्र को कुचलने में लगा हुआ है। निष्पक्षता?
शुक्रवार की शाम को कांग्रेस महासचिव एवं यूपी चुनाव प्रभारी प्रियंका गांधी ने एक ट्वीट कर चुनाव आयोग पर सवाल उठाया है. उन्होंने अपने आधिकारिक ट्वीटर अकाउंट से लिखा, ‘भाजपा नेता भीड़ के साथ कैंपेन करें, नफरत भरी बातें करें. प्रशासन का कोई एक्शन नहीं लेकिन कांग्रेस पार्टी को आज प्रयागराज में युवा घोषणापत्र जारी करने से रोका गया. सरकार के दबाव में चुनाव आयोग व प्रशासन युवाओं के एजेंडे को दबाने और लोकतंत्र को कुचलने में लगा हुआ है. निष्पक्षता?’
वहीं, सपा और रालोद की संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव और रालोद के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी ने भी चुनाव आयोग पर सवाल खड़े कर दिए थे. जयंत ने गुरुवार को आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में कहा था कि ऐसे पुलिसकर्मी जो अपना वोट बैलेट पेपर के माध्यम से देंगे, वे सावधानी बरतें. संभव है कि उनकी डिटेल लेने के बाद चुनाव आयोग की तरह से लगाए गए अधिकारी उनके मतदान का गलत इस्तेमाल कर लें.
इससे पहले बसपा की ओर से भी चुनाव आयोग से यह अपील की जा चुकी है कि वह निष्पक्षता के साथ व्यवहार अपनाए. हालांकि, चुनावी मौसम में बरस रहे इन आरोपों पर अभी तक चुनाव आयोग की ओर से कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है. वहीं, भाजपा के स्टार प्रचारक नेता अपने कार्यक्रमों में इस बात का हवाला जरूर देते हैं कि वे चुनाव आयोग के निर्देशों का गंभीरता से पालन कर रहे हैं. इसी क्रम में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को ऐलान कर दिया था कि अब वे डोर-टू-डोर कैम्पेनिंग नहीं करेंगे. उन्होंने इसका कारण कोराना गाइडलाइन का पालन करना बताया था.