रेलकर्मियों को नगद पैसे देकर झंडा नहीं लेना होगा. उनके वेतन से इसका मूल्य काटा जाएगा. मगर, एनई रेलवे मजदूर यूनियन के केंद्रीय अध्यक्ष बसंत चतुर्वेदी से रेल कर्मियों ने सोमवार को शिकायत की, जिसके चलते केंद्रीय अध्यक्ष ने फैसले का विरोध किया है. उनका कहना है कि स्टाफ बेनीफिट फंड से झंडा खरीदा जाए लेकिन, वेतन से पैसे ना काटे जाएं. उन्होंने कहा कि रेलकर्मी खुद राष्ट्रभक्त हैं. वह अपने पैसे से स्वयं तिरंगा खरीद लेंगे. उनपर यह नियम थोपना गलत है.
यूपी के साथ ही इंडियन रेलवे में आजादी का अमृत महोत्सव मनाने की तैयारियां तेजी के साथ चल रही है. जिसके चलते सभी सरकारी ऑफिस और कर्मचारियों को घरों पर तिरंगा लगाने का आदेश जारी किया गया है. यह तिरंगा 13 अगस्त से 15 अगस्त तक अपने घरों पर फहराएंगे. इज्जतनगर रेलवे (पूर्वोत्तर) के सभी रेलकर्मियों को भी यह आदेश जारी किया है. रेलवे सभी कर्मचारियों को तिरंगा देने के लिए खरीद प्रक्रिया पूरी कर चुकी है.
इज्जतनगर रेल मंडल में करीब 8500 कर्मचारियों को तिरंगा देने की तैयारी है, लेकिन वेतन से राशि काटने का विरोध शुरू हो गया है. सोमवार को रेल कर्मियों ने एनई रेलवे मजदूर यूनियन के केंद्रीय अध्यक्ष बसंत चतुर्वेदी से शिकायत की. इसके बाद केंद्रीय अध्यक्ष ने रेल मंडल के सीनियर डीपीओ वरिष्ठ मंडल कार्मिक अधिकारी सनत जैन से बात की. सीनियर डीपीओ ने तिरंगा लेने के साथ ही वेतन से रकम काटने का आदेश आने की बात कही है.
इसके बाद केंद्रीय अध्यक्ष ने कहा कि स्टाफ बेनीफिट फंड से झंडा खरीदा जाए, लेकिन कर्मचारियों के वेतन से पैसे काटना पूरी तरह से गलत है. बोले, रेलकर्मी राष्ट्रभक्त हैं. वह रात दिन देश को आगे बढ़ाने के लिए जुटे हैं. हम लोग अपने पैसे से स्वयं तिरंगा खरीदकर स्वतंत्रता दिवस पर लगाते हैं. मगर, अपने सियासी फायदे के लिए यह नियम थोपना गलत है. इस मामले में जल्द बैठक कर आगे रणनीति बनाने की बात कही. इस मामले में डीपीओ से बात की गई.उनका कहना था कि तिरंगे की राशि वेतन से काटी जाएगी. मगर, यह कितनी काटी जाएगी. इसकी जानकारी लेने के बाद बताई जा सकेगी.
रिपोर्ट : मुहम्मद साजिद