गाजियाबाद पहुंचे दूसरी रैपिड रेल के कोच, यात्रियों को जल्द मिलेंगी हवाई यात्रा वाली सुविधाएं

Ghaziabad Rapid Rail: गाजियाबाद में दुहाई डिपो में दूसरी रैपिड रेल पहुंच चुकी है. आज इसके कोच को उतारने का काम चल रहा है. जल्द ही रेल के सभी कोचों को असेंबल करने के बाद दोनों ट्रेनों को एक साथ चलाकर ट्रायल किया जाएगा.

By Prabhat Khabar News Desk | September 13, 2022 1:51 PM
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Ghaziabad Rapid Rail: गाजियाबाद वासियों को अब रैपिड रेल में सफर के लिए ज्यादा इंतजार नहीं करना होगा. ऐसा इसलिए क्योंकि दुहाई डिपो में दूसरी रैपिड रेल पहुंच चुकी है. आज यानी 13 सितंबर को इसके कोच को उतारने का काम चल रहा है. इसके लिए नेशनल कैपिटल रीजन ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (NCRTC) के अधिकारियों ने प्लान भी पहले से तैयार कर लिया है. रेल के सभी कोचों को असेंबल करने के बाद दोनों ट्रेनों को एक साथ चलाकर ट्रायल किया जाएगा.

इस साल के अंत तक शुरू होगा ट्रेन का ट्रायल

देश की पहली रैपिड रेल का निर्माण गुजरात के सांवली एलस्ट्रोम प्लांट में चल रहा है. अब गाजियाबाद में दो ट्रेन सेट आ चुके हैं. एनसीआरटीसी के अधिकारियों के मुताबिक, रैपिड रेल के कोच को दुहाई डिपो लाया जाएगा. इसके बाद सभी कोचों को असेंबल कर के डिपो में ट्रेन के ट्रायल का काम शुरू किया जाएगा. अधिकारियों ने बताया कि, इस साल के अंत तक ट्रेन का ट्रैक पर ट्रायल शुरू करने की प्लानिंग है, जोकि करीब तीन महीने तक चलेगा.

मार्च 2023 तक रैपिड रेल चलाने की तैयारी

एनसीआरटीसी के अधिकारियों ने बताया कि मार्च 2023 तक इसे पहले सेक्‍शन में चलाने की तैयारी की जा रही है. दिल्‍ली-मेरठ रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्‍टम के तहत करीब 82 किमी कॉरिडोर का निर्माण किया जा रहा है. इस निर्माण कार्य के तहत गाजियाबाद में साहिबाबाद से दुहाई तक का काम काफी तेजी से चल रहा है. इस पर ट्रैक और वायडक्‍ट का काम पूरा होने के बाद अब इलेक्‍ट्रीफिकेशन का जारी है. पहले स्टेशन में साहिबाबाद, गाजियाबाद, गुलधर, दुहाई और दुहाई होंगे. रैपिड ट्रेन की औसत स्‍पीड 100 किमी. प्रतिघंटे की होगी.

रैपिड रेल के कोच की खासियत

  • कोच में एंट्री और एग्जिट के लिए ऑटोमेटिक गेट होंगे

  • एक कोच में 6 गेट होंगे

  • कोच में मोबाइल, लैपटॉप चार्जिंग प्‍वाइंट्स और वाईफाई की सुविधा होगी.

  • यात्रियों का सामान रखने के लिए पर्याप्त रैक होंगी.

  • दिव्यांगों के लिए दरवाजों के पास व्हीलचेवर की जगह होगी और स्टेचर तक ले जाने की सुविधा मिलेगी.

  • यात्रियों की सेफ्टी के लिए प्लेटफार्म पर ऑटोमेटिक गेट होंगे.

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