प्रो. विनय पाठक के खिलाफ समाजवादी पार्टी विधायक ने जारी किया पोस्टर, बीजेपी की जीरो टॉलरेंस नीति पर उठाया सवाल

सीएसजेएमयू के कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक पर भ्रष्टाचार में लिप्त होने का आरोप है. उनके खिलाफ लखनऊ के इंदिरा नगर थाने में एक एफआईआर भी दर्ज है. आरोप लगा है कि प्रो. विनय पाठक ने आगरा विश्वविद्यालय में तैनाती के समय उन्होंने करोड़ों रुपये का घोटाला किया है. उन पर कई कंपनियों से कमीशन लेने का आरोप है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 24, 2023 6:00 PM
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Kanpur: सीएसजेएमयू (CSJMU) के कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक (Prof. Vinay Pathak) पर समाजवादी पार्टी का हमला जारी है. भ्रष्टाचार और कमीशन लेने के आरोपों के बीच सोमवार को 84 दिनों बाद फिर से कैंपस पहुंचे प्रो. विनय पाठक पर सपा विधायक अमिताभ बाजपेयी ने पोस्टर जारी कर दिया है. पोस्टर में लिखा है कि प्रसन्नता का विषय है कि कानपुर के महान कुलपति प्रोफेसर विनय पाठक ससम्मान अपनी कुर्सी पर विराजमान हो गए हैं यह सरकार की जीरो टॉलरेंस का नमूना है.

सपा विधायक अमिताभ बाजपेयी (SP MLA Amitabh Bajpai) ने पोस्टर जारी करते हुए सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति का नमूना दिखाते हुए लिखा है कि प्रसन्नता का विषय है कि कानपुर के महान कुलपति प्रोफेसर विनय पाठक (Prof. Vinay Pathak) ससम्मान अपनी कुर्सी पर विराजमान हो गए हैं. यह सरकार की जीरो टॉलरेंस का नमूना है. न पुलिस पकड़ पाई न सीबीआई बधाई हो बधाई. जिन खड़ाऊं के साथ अभी तक कुर्सी चल रही थी, उनका गंगा में विसर्जन किया जाएगा. 25 जनवरी को गंगा नदी सरसैया घाट पर खड़ाऊं विसर्जन किए जाएंगे.

सपा विधायक का कहना है कि कुलपति प्रो. विनय पाठक (Prof. Vinay Pathak) एक बार फिर सीएसजेएमयू की कुर्सी पर विराजमान हो गए है. जबकि प्रो. विनय पाठक पर भ्रष्टाचार में शामिल होने के मामले में एफआईआर दर्ज है. सरकार ने न तो उनको इतने दिनों में निलंबित किया और न ही जांच एजेंसियों ने उन्हें गिरफ्तार किया. यह सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति का जीता जागता उदाहरण है. सरकार भ्रष्टाचार में लिप्त कुलपति पर कार्रवाई नहीं कर पाई और अब तो उन्हें कुर्सी पर भी बैठा दिया गया है.

सीएसजेएमयू के कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक (Prof. Vinay Pathak) पर भ्रष्टाचार में लिप्त होने का आरोप है. उनके खिलाफ लखनऊ के इंदिरा नगर थाने में एक एफआईआर भी दर्ज हैं. आरोप लगा है कि प्रो. विनय पाठक ने आगरा विश्वविद्यालय में तैनाती के समय उन्होंने करोड़ों रुपये का घोटाला किया है, साथ ही उन पर कई कंपनियों से कमीशन बाजी का भी आरोप लगा हुआ है. प्रो. विनय पाठक के मामले की जांच पहले एसटीएफ के हाथों पर थी, लेकिन अब पूरी जांच सीबीआई कर रही है.

कुछ दिन पूर्व सपा विधायक ने सीएसजेएमयू के गेट पर प्रो. विनय पाठक (Prof. Vinay Pathak) फोटो में माला पहनाकर और खड़ाऊ रख कर उनका सम्मान करते हुए धरना प्रदर्शन किया था. इस दौरान उन्होंने विनय पाठक के कारनामों को गिना कर सरकार को घेरने का प्रयास किया था. लेकिन उनका प्रयास असफल रहा. आखिरकार 84 दिनों के बाद अब सोमवार को प्रो. विनय पाठक ने फिर से सीएसजेएमयू का चार्ज ले लिया.

रिपोर्ट: आयुष तिवारी

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