Sawan 2022: सावन में बन रहे दो दुर्लभ संयोग, इस दिन पूजन से महिलाओं और कन्याओं को मिलेगा विशेष लाभ

Sawan 2022: सावन का महीना आज यानी 14 जुलाई से शुरू हो चुका है. इस साल सावन का महीना 14 जुलाई से 12 अगस्त तक चलेगा. इस महीने में चार सोमवार होंगे और सावन का पहला सोमवार 18 जुलाई को पड़ रहा है.

By Prabhat Khabar News Desk | July 14, 2022 7:48 AM
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Varanasi News: सावन का पवित्र महीना आज यानी 14 जुलाई से शुरू हो चुका है. इस साल सावन का महीना 14 जुलाई से 12 अगस्त तक चलेगा. इस महीने में चार सोमवार होंगे और सावन का पहला सोमवार 18 जुलाई को पड़ रहा है. भगवान शिव की पूजा करने के लिए सावन के महीने से शुभ और कोई समय नहीं होता. पण्डित ऋषि द्विवेदी बताते हैं कि इस महीने के दौरान, भक्त प्रत्येक सोमवार को उपवास रखते हैं, जिसे श्रवण सोमवार या सावन सोमवार के नाम से जाना जाता है.

सोम प्रदोष औऱ भोम प्रदोष के दुर्लभ संयोग

ज्योतिषाचार्य पण्डित ऋषि द्विवेदी बताते हैं कि सावन के महीने में इस बार प्रदोष औऱ सोमवार यह दुर्लभ संयोग 25 जुलाई को होगा जोकि अत्यंत महत्वपूर्ण है. सोम प्रदोष औऱ भोम प्रदोष दोनों के दुर्लभ संयोग के दिन व्रत और पूजा करने से तमामं पुरुषार्थ का लाभ होता है और संपत्ति बढ़ती है. काशी और सावन का एक दूसरे से विशेष संबंध है. श्रवण नक्षत्र से सावन बना हुआ है औऱ श्रवण नक्षत्र का ग्रह चंद्रमा होता है, औऱ चंद्रमा भगवान शिव के मस्तक पर विराजमान हैं.

सावन में कब पड़ेगा कौन-सा सोमवार

इस बार सावन में 4 सोमवार पड़ रहे हैं. पहला 18 जुलाई को दूसरा 25 जुलाई को तीसरा 1 अगस्त को और चौथा 8 अगस्त को पड़ रहा है. ऐसा शास्त्रों में वर्णित है कि महिलाएं अपने सौभाग्य में वृद्धि के लिए सोमवार व्रत के साथ ही यदि भौम व्रत को भी रखती हैं, तो उनके सौभाग्य में वृद्धि होती हैं. यदि कुंवारी कन्याएं व्रत रखती हैं तो उनका विवाह जल्दी होने के साथ ही सुंदर वर की प्राप्ति होती हैं. वहीं इस बार महाशिवरात्रि 26 जुलाई को पड़ेगी. शास्त्रों के मुताबिक प्रत्येक मास में एक महाशिवरात्रि पड़ती हैं. इसलिए सावन माह में पड़ने वाली महाशिवरात्रि शुभ फल दाई होती है. सभी कामनाओ की पूर्ति करती हैं. सब तरीके से देखा जाए तो इस बार का सावन दुर्लभ संयोगों को लेकर के आ रहा है.

सावन में भोलेनाथ की कैसे करें पूजा

सावन में श्रद्धालुओं को किन चीजों का सेवन करना चाहिए इस पर विस्तार से बताते हुए पण्डित ऋषि द्विवेदी कहते हैं कि अगर आप सावन का व्रत कर रहे हैं तो सुबह उठकर स्नान करें और विधि-विधान से पूजा-पाठ करें. शास्त्रों के अनुसार, भगवान शिव की पूजा करते समय हल्दी का उपयोग नहीं करना चाहिए. भगवान शिव की पूजा में भांग, धतूरा, बेलपत्र, सफेद फूल, शहद, फल आदि अर्पित कर सकते हैं.

सावन महीने में किन चीजों का न करें सेवन

सावन के महीने में मांस और मदिरा पान के सेवन से बचना चाहिए. अगर आप व्रत कर रहे हैं तो इन चीजों का भूलकर भी सेवन ना करें. ऐसा करने से भगवान शिव नाराज हो सकते हैं. सावन के महीने में सात्विक भोजन करना चाहिए. इस दौरान मूली, बैंगन, लहसुन, कढ़ी, काली मिर्च और प्‍याज के सेवन से बचना चाहिए.

शिवजी के स्नान के लिए करें गंगाजल का उपयोग

भगवान शिवजी की पूजा में गंगाजल के उपयोग को विशिष्ट माना जाता है. शिवजी की पूजा आराधना करते समय उनके पूरे परिवार अर्थात् शिवलिंग, माता पार्वती, कार्तिकेयजी, गणेशजी और उनके वाहन नन्दी की संयुक्त रूप से पूजा की जानी चाहिए. शिवजी के स्नान के लिए गंगाजल का उपयोग किया जाता है.

शिवजी की पूजा के लिए सामग्री

इसके अलावा कुछ लोग भांग घोंटकर भी चढ़ाते हैं. शिवजी की पूजा में लगने वाली सामग्री में जल, दूध, दही, चीनी, घी, शहद, पंचामृत, कलावा, वस्त्र, जनेऊ, चन्दन, रोली, चावल, फूल, बिल्वपत्र, दूर्वा, फल, विजिया, आक, धूतूरा, कमल−गट्टा, पान, सुपारी, लौंग, इलायची, पंचमेवा, धूप, दीप का इस्तेमाल किया जाता है.

रिपोर्ट- विपिन सिंह

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