स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) के बारे में बात करें तो वे साल 2017 विधानसभा चुनाव के दौरान बसपा को छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए थे. इस बार से विधानसभा में उन्होंने भाजपा का साथ छोड़ दिया और सपा का दामन थाम लिया.कौन हैं स्वामी प्रसाद मौर्य?
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स्वामी प्रसाद मौर्य साल 1991 से 1995 तक जनता दल में रहे थे. बाद में मायावती के सीएम बनते ही उन्होंने बसपा का हाथ थाम लिया. जिसके बाद 1996 में स्वामी प्रसाद मौर्य पहली बार डलमऊ सीट से विधायक बने और दोबारा इसी सीट से 2002 में जीतकर विधानसभा पहुंचे. वे मायावती के राज में मंत्री भी बने थे.
बाद में उन्होंने 2009 में कुशीनगर की पडरौना सीट से उपचुनाव में जीतकर विधानसभा पहुंचे थे. इस सीट से स्वामी प्रसाद मोर्य ने तीन बार जीत हासिल की थी. साल 2016 में स्वामी प्रसाद मौर्य को बसपा छोड़कर मुलायम सिंह, शिवपाल यादव और आजम खान ने सपा में आने का न्योता दिया था. लेकिन उन्होंने बीजेपी में शामिल होने का मन बनाया था और वे बीजेपी में आ गए. स्वामी प्रसाद मोर्य को पिछड़ा वर्ग के बड़े नेता माना जाता हैं.