प्रोसेस हाउस में बुनकरों से प्राप्त कपड़े प्रोसेस किए जाने के बाद अलग-अलग बाजार में प्रोसेस हाउस संचालक द्वारा इसे बेचा जाता है. गोरखपुर में वर्तमान में गीडा में दो और बरगदवा में एक प्रोसेस हाउस का संचालन हो रहा है यह औद्योगिक इकाई नियमित सुचारु रुप से चल रही है. गीडा में स्थापित होने वाले तीन प्रोसेस हाउस में धागे से लेकर कपड़ा बनाने और उसे प्रोसेसिंग तक की व्यवस्था होगी.
गीडा के सीईओ ने क्या बताया
अपर निदेशक हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग अरविंद सिंह ने बताया कि ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के तहत तीन प्रोसेस हाउस का प्रस्ताव प्राप्त हुआ है. जल्द ही मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग भी हो जाने की उम्मीद है. इससे बड़े पैमाने पर लोगों को रोजगार मिलेगा. गीडा के सीईओ पवन अग्रवाल का कहना है कि प्रोसेस हाउस का प्रस्ताव मिला है. गीडा की ओर से हर संभव मदद की जाएगी.
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तीन शिफ्ट में काम होने के कारण यहां कर्मचारियों की संख्या भी अधिक होती है. पावर लूम इकाइयों के संचालको की माने तो एक प्रोसेस हाउस में करीब 500 लोगों को रोजगार मिल सकता है. गोरखपुर के गीडा में तीन प्रोसेस हाउस स्थापित हो जाने से इस क्षेत्र में काफी लोगों को रोजगार मिल सकेगा. बताते चलें गीडा में क्षमता के बराबर उपयोग होने पर सभी प्रोसेस हाउस में सीईटीपी स्थापित करनी होगी. हालांकि अभी गीडा में 7.5 एमएलडी क्षमता के सीईटीपी की स्थापना प्रस्तावित है.
क्या होता है प्रोसेस हाउस
प्रोसेस हाउस में धागे से लेकर कपड़े बनाने और उसे सेल करने की पूरी व्यवस्था होती है. एक प्रोसेस हाउस में लगभग 500 कर्मचारी काम करते हैं. इसे कपड़ा इंडस्ट्री की रीढ़ कहा जाता है.
रिपोर्ट- प्रदीप तिवारी, गोरखपुर