UP Election 2022: पहले चरण की वोटिंग के दिन इत्तेफाक नहीं थी PM मोदी की सहारनपुर रैली, BJP का सुपर प्लान?
यह पहला मौका नहीं है जब चुनाव के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने आस-पास के क्षेत्रों में रैली न की हो. राजनीति के जानकार इस बात को स्वीकारते हैं कि इससे मतदान के लिए जाने वालो लोगों पर प्रभाव पड़ता है. गुरुवार को भी पीएम मोदी ने ऐसा ही एक दांव चला.
By Prabhat Khabar News Desk | February 10, 2022 6:24 PM
Lucknow News: उत्तर प्रदेश में गुरुवार यानी 10 फरवरी को सूबे की 11 जिलों की 58 विधानसभा सीट पर चुनाव हो रहा था. कुछ घंटे की दूरी पर स्थित सहारनपुर जनपद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली चल रही थी. यह सिर्फ एक इत्तफाक है या राजनीतिक दांव? पीएम मोदी ने पहले भी अपने चुनावों में ऐसा ही किया है. एक ओर चुनाव हो रहा होता है तो दूसरी ओर वे जनसभा कर रहे होते हैं. खासकर, जब वे अपने भाषण में किसान, गन्ना और कानून व्यवस्था वाले उन मुद्दों को उठाते हों जो निर्वाचन क्षेत्रों की जनता का भी मामला हो.
बता दें कि यह पहला मौका नहीं है जब चुनाव के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने आस-पास के क्षेत्रों में रैली न की हो. राजनीति के जानकार इस बात को स्वीकारते हैं कि इससे मतदान के लिए जाने वालो लोगों पर प्रभाव पड़ता है. गुरुवार को भी पीएम मोदी ने ऐसा ही एक दांव चला. उन्होंने एक ओर यूपी की आगरा, अलीगढ़, मथुरा, शामली, मुजफ्फरनगर, मेरठ, बागपत, गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर, हापुड़ और बुलंदशहर में मतदान के दौरान सहारनपुर को चुना. वहां की जनता से प्रदेश में डबल इंजन की उन्नति का बखान कर रहे थे. इस बीच उनके भाषणों को सोशल मीडिया से लेकर टीवी चैनलों आदि पर प्रसारित किया जा रहा था. यह संदेश कहीं न कहीं मतदान के लिए घर से निकलने वालों को भी प्रभावित करता है.
पीएम नरेंद्र मोदी की रैलियों का इतिहास देखें तो पता चला कि वर्ष 2019 में सात चरणों में लोकसभा चुनाव हुए थे. इस बीच 11 अप्रैल, 18 अप्रैल, 23 अप्रैल, 29 अप्रैल, 6 मई, 12 मई और 19 मई को मतदान हुआ था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 19 मई को छोड़कर मतदान वाले सभी दिन बड़ी-बड़ी चुनौवी रैलियां कीं. 19 मई को जब आखिरी फेज का मतदान हो रहा था, तब भी नरेंद्र मोदी ही मीडिया में छाए हुए थे. वोटिंग से ठीक एक दिन पहले अचानक मोदी केदारनाथ पहुंचे. यहां उन्होंने गुफा में ध्यान भी लगाया था. वोटिंग वाले दिन यानी 19 मई को वे केदारनाथ से अचानक बद्रीनाथ धाम पहुंच गए. मतलब मतदान के बावजूद पूरे दिन केवल मोदी की ही चर्चा होती रही. नतीजे आए तो भाजपा 2014 से भी ज्यादा सीटें हासिल करने में कामयाब रही. भाजपा को 303 सीटें मिलीं जबकि कांग्रेस को 52 सीटों से ही संतोष करना पड़ा.