… और यही तालिबानी मानसिकता को दर्शाता है
बीजेपी सांसद सुब्रत पाठक ने ट्वीट कर कहा कि अगर कल्याण सिंह जैसे जनप्रिय नेता को मुलायम सिंह और अखिलेश यादव श्रद्धांजलि और सम्मान नहीं देते हैं तो भी इससे उनके (कल्याण सिंह) कद पर कोई असर नहीं पड़ेगा, लेकिन ये सच है कि अगर लखनऊ में ये दोनों कल्याण सिंह जी के आखिरी दर्शन कर लेते तो इससे कार सेवकों पर गोली चलवाने वाली समाजवादी पार्टी को अपने पाप धोने का आखिरी मौका जरूर मिल जाता… लेकिन विनाशकाले विपरीत बुद्धि… और यही इनकी तालिबानी मानसिकता को दर्शाता है.
अंतिम दर्शन के लिए नहीं पहुंचे अखिलेश
दरअसल, रविवार को कल्याण सिंह के पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शन के लिए विधान भवन और लखनऊ स्थित उनके आवास पर रखा गया था. इस दौरान बसपा सुप्रीमो मायावती तो नजर आईं, लेकिन अखिलेश यादव नजर नहीं आये. हालांकि उन्होंने ट्वीट कर कल्याण सिंह के निधन पर शोक व्यक्त किया था. उन्होंने ट्वीट कर कहा था, ‘उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और राजस्थान के पूर्व राज्यपाल कल्याण सिंह जी का निधन हृदय विदारक है। दिवंगत आत्मा को शांति एवं शोक संतप्त परिवार को दुख सहने की शक्ति दे भगवान। विनम्र श्रद्धांजलि!’
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पंचतत्व में विलीन हुए कल्याण सिंह
बता दें, पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह 23 अगस्त को पंचतत्व में विलीन हो गए. ‘BJP के सबसे बड़े रामभक्त’ का अंतिम संस्कार बुलंदशहर जिले के नरौरा घाट पर राजकीय सम्मान के साथ किया गया. उनके अंतिम संस्कार में सीएम योगी, गृहमंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह समेत कई बड़े नेता शामिल हुए. कल्याण सिंह का बीती 21 अगस्त को 89 साल साल की आयु में निधन हो गया. वे 4 जुलाई से अस्पताल में भर्ती थे.
Posted by : Achyut Kumar