डॉ. प्रकाशम्मा (Dr. Prakasamma) ने कहा कि यूपी में मिडवाइफरी सेवायों के स्तर की वृद्धि करना अत्यंत जरूरी है. क्योंकि हमारा प्रदेश देश में सबसे अधिक जनसंख्या और बड़े क्षेत्रफल का प्रदेश है. ऐसा करने से गर्भावस्था, प्रसव और जन्म के दौरान महिलाओं, नवजात शिशुओं की सहायता, सही देखभाल हो सकेगी. जिससे प्रदेश में मातृ मृत्यु दर (Maternal mortality rate) और बीमारी की दर में कमी आएगी.
राजकीय नर्सेस संघ (Rajkiya Nurses Sangh) के महामंत्री अशोक कुमार ने बताया कि आयोजन में उत्तर प्रदेश में मिडवाइफरी के स्तर की गुणवत्ता को उत्तम बनाने के अनूठे प्रयास की रणनीति तय की गयी. दिल्ली एवं उत्तरप्रदेश के 9 जिले जैसे अलीगढ़, मेरठ, सैफई कानपूर आदि से प्रख्यात मिडवाइफरी सीडर्स कार्यशाला में शामिल हुए. प्रदेश से प्रतिष्ठित प्रसूतिशासी बाल रोग चिकित्सक, विभिन्न गैर सरकारी संगठनो ने भी सम्मेलन में हिस्सा लिया.
कार्यशाला का आयोजन चरक अस्पताल (Charak Hospital) लखनऊ के सहयोग से सुरुचि इंस्टिट्यूट ऑफ नर्सिंग (Suruchi Institute of Nursing) में हुआ. डॉ. रतन सिंह संस्थापक चरक हॉस्पिटल एवं सुरुचि इंस्टिट्यूट ऑफ नर्सिंग, डॉ. जेस्मिन प्रिति सुरुचि इंस्टीट्यूट ऑफ नर्सिंग, डॉ. बंदना दास सलाहकार सोमी, लेफ्टिनेंट कर्नल मनोन्मनी वेंकटनस्याणां सलाहकार सोमी, डॉ. मितली अधिकारी प्रेसिडेंट सोमी, डॉ. गीता परवांडा सेक्रेटरी सोमी उत्तर प्रदेश राज्य शाखा, मेरी मलिक टीएनएआई उत्तर प्रदेश, अशोक कुमार व नवीत दुबे राजकीय नर्सिंग संगठन इस मौके पर मौजूद थे.