अक्टूबर 2023 तक रैपिड रेल चलाने की तैयारी
दरअसल, आरआरटीएस कॉरिडोर के प्रायोरिटी सेक्शन के संचालन के लिए आरआरटीएस ट्रैक पर ट्रेन की टेस्टिंग आदि का कार्य किया जा रहा है. वर्तमान में दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है. इस बीच एनसीआरटीसी की ओर से मुरादनगर में दूसरा रिसीविंग सब-स्टेशन तैयार कर लिया गया है. इस आरएसएस से 24 किमी लंबे दुहाई से मेरठ के परतापुर के दूसरे खंड में सभी स्टेशनों और रेल संचालन के लिए लाइट की सप्लाई की जाएगी. दूसरे खंड में रैपिड रेल का संचालन अक्टूबर 2023 में होना है.
बिजली आपूर्ति के लिए सब-स्टेशनों का किया जा रहा निर्माण
एनसीआरटीसी की ओर से दिल्ली से मेरठ तक कुल पांच रिसीविंग सब-स्टेशनों का निर्माण किया जा रहा है. इसमें गाजियाबाद में दो आरएसएस का निर्माण हो चुका है, जबकि दिल्ली में सराय काले खां, मेरठ के शताब्दीनगर और मोदीपुरम में बिजली आपूर्ति के लिए सब-स्टेशनों का निर्माण किया जा रहा है. इस संबंध में एनसीआरटीसी के एक अधिकारी ने बताया कि, प्राथमिकता खंड से अलावा दुहाई से मेरठ दक्षिण स्टेशन के बीच दूसरे संचालन खंड का निर्माण कार्य प्रगति पर है..
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82 किमी लंबे कॉरिडोर का हो रहा निर्माण
देश की पहली रैपिड रेल का निर्माण गुजरात के सांवली एलस्ट्रोम प्लांट में चल रहा है. अब गाजियाबाद में दो ट्रेन सेट आ चुके हैं. अधिकारियों ने बताया कि, इस साल के अंत तक ट्रेन का ट्रैक पर ट्रायल शुरू करने की प्लानिंग है. दिल्ली-मेरठ रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम के तहत करीब 82 किमी कॉरिडोर का निर्माण किया जा रहा है. इस निर्माण कार्य के तहत गाजियाबाद में साहिबाबाद से दुहाई तक का काम काफी तेजी से चल रहा है.