आगरा में अवैध धर्मांतरण रैकेट का भंडाफोड़: विदेशी फंडिंग, ब्रेनवॉशिंग और गैंग की गिरफ्त में कई बड़े चेहरे

Agra Religion Change News: आगरा में अवैध धर्मांतरण गिरोह का भंडाफोड़ हुआ है. कनाडा, लंदन और अमेरिका से फंडिंग मिलती थी. युवतियों को प्रेमजाल में फंसाकर ब्रेनवॉश किया जाता था. निकाह, मकान और दस्तावेज तक का इंतजाम गिरोह करता था. पुलिस ने 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया है.

By Abhishek Singh | July 20, 2025 6:41 PM
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Agra Religion Change News: उत्तर प्रदेश के आगरा में एक बेहद खतरनाक धर्मांतरण गिरोह का खुलासा हुआ है, जो सुनियोजित तरीके से युवतियों को अपने जाल में फंसाकर उनका धर्म परिवर्तन करवा रहा था. इस पूरे नेटवर्क की पहुंच देशभर में फैली थी, और इसमें विदेशी फंडिंग से लेकर सोशल मीडिया ब्रेनवॉश तक के हथकंडे अपनाए जा रहे थे. पुलिस की कार्रवाई में अब तक इस गिरोह के कई अहम चेहरे गिरफ्तार हो चुके हैं.

कनाडा, लंदन और अमेरिका से मिल रही थी फंडिंग

पुलिस जांच में सामने आया है कि गिरोह को विदेशों से भारी मात्रा में फंडिंग मिल रही थी. खासकर कनाडा, लंदन और अमेरिका से पैसा ट्रांसफर किया जाता था. इस पैसे का उपयोग युवतियों को फंसाने, उन्हें रहने की व्यवस्था देने, खर्च उठाने और मानसिक रूप से तैयार करने में किया जाता था. फंडिंग का रूट ट्रेस करने के लिए अब बैंक खातों की जांच शुरू हो चुकी है. पुलिस यह पता लगाने में जुटी है कि पैसा किन खातों में आता था, कौन निकालता था और कहां इस्तेमाल किया जाता था.

युवतियों को फंसाने से लेकर निकाह तक हर शख्स की थी जिम्मेदारी

यह गिरोह बारीकी से संगठित था. हर सदस्य की एक तय भूमिका थी कोई लड़कियों को बहलाने-फुसलाने का काम करता, कोई उन्हें कोलकाता या अन्य शहरों में ले जाकर रहने की जगह दिलवाता, कोई निकाह के लिए लड़कों की व्यवस्था करता, तो कोई ब्रेनवॉश का काम करता. इसके अलावा, ऐसे लोग भी थे जो धर्मांतरण के बाद कानूनी रूप से नए नाम व पहचान के कागज़ात तैयार करते, ताकि वापस लौटना मुश्किल हो जाए. पूरे ऑपरेशन को इस तरह फैलाया गया था कि कोई युवती एक बार फंसने के बाद पीछे न हट सके.

10 आरोपियों की पहचान और भूमिका

1-: आयशा उर्फ एसबी कृष्णा (गोवा) – विदेशों से फंडिंग का इंतजाम, गिरोह को पैसे बांटती थी.

2-: अली हसन उर्फ शेखर राय (कोलकाता) – कोर्ट कर्मी, फंड वितरित करता था.

3-: रीत बनिक उर्फ इब्राहिम (कोलकाता) – युवतियों को कट्टरपंथ के लिए उकसाता, Instagram ID ‘Connecting Revert’ चलाता.

4-: ओसामा (कोलकाता) – मुस्लिम बस्ती में धर्मांतरण कर रहे लोगों को बसाता था.

5-: रहमान कुरैशी (आगरा) – यूट्यूब चैनल ‘सुन्ना’ से युवतियों को धर्म बदलने को प्रेरित करता.

6-: मोहम्मद अली (जयपुर) – पहले से कन्वर्टेड, डॉक्टर युवती को फंसाया, राजस्थान मॉड्यूल संभालता.

7-: अब्बू तालिब (मुजफ्फरनगर) – दस्तावेज बनवाने और धमकाने का काम करता.

8-: अब्दुर रहमान (देहरादून) – उत्तराखंड में धर्मांतरण मिशन चला रहा था.

9-: मुस्तफा उर्फ मनोज (दिल्ली) – होटल व यात्रा की व्यवस्था करता था, बहनों को कोलकातामेंटर पहुंचाया.

10-: जुनैद कुरैशी (जयपुर) – युवतियों को फंसाकर गैंग से मिलवाता.

पुलिस की बहुस्तरीय जांच और गिरफ्तारी अभियान

पुलिस ने इस मामले में पूरी रणनीति बनाकर कार्रवाई की है. गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ की पूरी रिकॉर्डिंग की जा रही है ताकि बाद में ठोस सबूत के तौर पर काम आ सके. इसके अलावा, पुलिस ने आरोपियों से जुड़े नेटवर्क की जांच के लिए अलग-अलग टीमें बनाई हैं. इन टीमों का काम केवल गिरफ्तारी ही नहीं, बल्कि बैंक खातों, फंड के स्रोत, और गिरोह के दूसरे सदस्यों की पहचान करना भी है. आगे और गिरफ्तारियां हो सकती हैं. गिरोह की पूरी फंडिंग चेन को खंगाला जा रहा है.

दो सगी बहनों से खुली पोल, कोलकाता से की गई बरामदगी

सदर क्षेत्र की पंजाबी समाज की दो बहनों की अचानक गुमशुदगी ने मामले को उजागर किया. पुलिस कमिश्नर दीपक कुमार ने सात टीमें बनाईं, जिनमें सर्विलांस और साइबर सेल शामिल थीं. जब यह पता चला कि दोनों बहनें धर्मांतरण गैंग के जाल में फंसी हैं, तो पुलिस कोलकाता के बैरकपुर पहुंची. सोशल मीडिया अकाउंट से मिली जानकारी के आधार पर पुलिस ने बहनों को सुरक्षित बरामद किया और गैंग के दो सदस्यों को वहीं गिरफ्तार किया. पूछताछ में गिरोह के बाकी सदस्यों का भी खुलासा हुआ.

PFI, SDPI और पाकिस्तानी संगठनों से तार जुड़ने के संकेत

जांच एजेंसियों को इस गिरोह की गतिविधियों में कट्टरपंथी संगठनों की भूमिका के भी संकेत मिले हैं. गिरोह की फंडिंग और विचारधारा में PFI, SDPI और पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठनों के प्रभाव की संभावना जताई गई है. इसी के चलते मामले की गंभीरता को देखते हुए एटीएस और एसटीएफ की टीमें भी जांच में शामिल की गई हैं. उनके जरिए इन संबंधों की गहराई से पड़ताल की जा रही है.

‘मिशन अस्मिता’ के तहत योगी सरकार की सख्त कार्रवाई

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर मिशन अस्मिता अभियान चलाया जा रहा है, जिसके तहत युवतियों की पहचान, सम्मान और सुरक्षा सुनिश्चित की जाती है. इसी के अंतर्गत यह गिरोह सामने आया है. इससे पहले उमर गौतम और मुफ्ती जहांगीर जैसे लोगों पर भी इसी तरह के आरोप लग चुके हैं. सरकार का स्पष्ट कहना है कि जो भी राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में शामिल होगा, उसके खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की जाएगी.

डीजीपी बोले: राष्ट्रविरोधी गतिविधियों को नहीं दी जाएगी जगह

डीजीपी राजीव कृष्ण ने बयान जारी कर कहा कि आगरा पुलिस की मेहनत और समर्पण से इस जघन्य रैकेट का पर्दाफाश हुआ है. पुलिस की 10 टीमें इस नेटवर्क को तोड़ने में जुटी हैं. उन्होंने कहा कि ऐसे गिरोहों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा और जो भी इसमें शामिल हैं, उन्हें कठोर सजा दिलाई जाएगी. साथ ही सभी एजेंसियों को अलर्ट किया गया है कि देशविरोधी गतिविधियों पर सख्त नजर रखी जाए.

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