बलिया. एक दौर था जब लोगों के पास किसी से बात करने तक का समय नहीं था. आज लोगों के पास समय ही समय है. ऐसे में लोगों के तनाव का स्तर स्वत: ही कम होने लगा है. और एक दूसरे की अहमियत समझ में आ रही है. यूं कहें कि लॉकडाउन आपसी रिश्तों में मिठासा घोल रहा है तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी. सुबह से शाम तक एक साथ रहने से लोगों के छोटे मोटे गिले सिकवे भी दूर हो रहे हैं. देश में कोरोना वायरस संक्रमण संकट से पूर्व यहां सभी के जिंदगी की गाड़ी पूरी रफ्तार से दौड़ रही थी. सभी अपने काम में इतने व्यस्त दिख रहे थे कि किसी के पास किसी के लिए समय नहीं था. यही कारण है कि लोग एक दूसरे से चाह कर भी नहीं मिल पा रहे थे. लोगों का एक दूसरे से न मिलना आपसी तनाव का बड़ा माध्यम बना और लंबा चलने के कारण यह लोगों को सिस्टम में आ गया.
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