कारगिल विजय दिवस पर योगी आदित्यनाथ का भावुक नमन: शहीदों को अर्पित की श्रद्धांजलि, दुश्मन को याद दिलाई हार!

Lucknow News: कारगिल विजय दिवस 2025 पर लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की और परिजनों को सम्मानित किया. उन्होंने कहा कि यह दिन भारतीय सेना के शौर्य का प्रतीक है. दुश्मन ने युद्ध थोपा था, हमने विजय लिखी.

By Abhishek Singh | July 26, 2025 1:30 PM
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Lucknow News: लखनऊ की कारगिल शहीद स्मृति वाटिका में आयोजित भव्य कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कारगिल युद्ध में शहीद हुए वीर सपूतों को श्रद्धांजलि दी. उन्होंने पुष्प अर्पित कर शहीदों की वीरता को नमन किया और उनके परिजनों को सम्मानित कर उनका हौसला बढ़ाया.

“कारगिल सिर्फ एक युद्ध नहीं, भारतीय शौर्य की मिसाल है” – सीएम योगी

मुख्यमंत्री ने कहा कि कारगिल विजय दिवस भारत के वीर सैनिकों के अदम्य साहस, पराक्रम और बलिदान की अमर गाथा है. उन्होंने कहा कि भारत ने ऑपरेशन विजय को सफलतापूर्वक पूरा कर दुनिया को दिखा दिया कि हम किसी भी परिस्थिति में झुकने वाले नहीं हैं.

-50 डिग्री में लड़ी गई थी लड़ाई, फिर भी नहीं डिगे हमारे जांबाज़

सीएम योगी ने बताया कि कारगिल युद्ध बेहद कठिन भूगोल और परिस्थितियों में लड़ा गया. माइनस 50 डिग्री तापमान और दुर्गम पहाड़ियों में भी भारतीय सैनिकों ने हिम्मत नहीं हारी और पाकिस्तान के नापाक मंसूबों को नाकाम कर दिया.

अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व को किया याद

कार्यक्रम में योगी आदित्यनाथ ने तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को याद करते हुए कहा कि जब पाकिस्तान ने अमेरिका के सहारे भारत पर दबाव बनाने की कोशिश की थी, तब अटल जी ने दो टूक कहा था “भारत किसी के आगे नहीं झुकेगा.” और वही हुआ, पाकिस्तान को पीछे हटना पड़ा.

छात्राओं के सांस्कृतिक कार्यक्रम ने बाँधा समां

इस अवसर पर स्कूली छात्राओं ने वीर रस से ओतप्रोत सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ दीं. देशभक्ति गीतों, कविताओं और नृत्य ने उपस्थित जनसमूह को भावविभोर कर दिया.

शहीद परिवारों को किया गया सम्मानित

कार्यक्रम में शहीदों के परिजनों को शॉल व स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया. मंच पर भावनाओं का सैलाब उमड़ पड़ा, जब परिजनों ने अपने वीर सपूतों के नाम पर गर्व व्यक्त किया.

नमन उन अमर बलिदानियों को

कारगिल विजय दिवस केवल एक तारीख नहीं, बल्कि वह दिन है जब भारत ने पूरी दुनिया को दिखा दिया कि उसकी सेना और उसके जवान कभी हार नहीं मानते. यह कार्यक्रम उसी गौरवगाथा को जनमानस तक पहुँचाने का माध्यम बना.

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