‘हर हिंदू को कथा कहने का अधिकार…’ इटावा कांड पर काशी विद्वत परिषद की टिप्पणी

Etawah Kand: इटावा में कथावाचकों के साथ जातिगत दुर्व्यवहार पर काशी विद्वत परिषद और संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति ने बयान दिया है. दोनों ने स्पष्ट किया कि भागवत कथा कहने का अधिकार हर हिंदू को है. दोषियों के खिलाफ निष्पक्ष कार्रवाई की मांग की गई है.

By Shashank Baranwal | June 27, 2025 1:04 PM
an image

Etawah Kand: उत्तर प्रदेश के इटावा जिले में कथावाचकों के साथ जाति के आधार पर कथित दुर्व्यवहार के मामले में अब धार्मिक संगठनों की प्रतिक्रियाएं भी सामने आ रही हैं. काशी विद्वत परिषद ने शुक्रवार को इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए साफ किया कि भागवत कथा कहने का अधिकार हर हिंदू को है.

काशी विद्वत परिषद की प्रतिक्रिया

काशी विद्वत परिषद के महामंत्री प्रोफेसर रामनारायण द्विवेदी ने कहा कि भागवत कथा कहने का अधिकार हर हिंदू को है. उन्होंने कहा कि हमारी सनातन परंपरा में ऐसे कई उदाहरण हैं जहां गैर-ब्राह्मणों को भी ऋषि का दर्जा मिला है. महर्षि वाल्मीकि, वेदव्यास और रविदास जी इसके साक्षात प्रमाण हैं. द्विवेदी ने कहा कि जो व्यक्ति शास्त्रों का ज्ञान रखता है, सत्यनिष्ठ, भक्ति भाव और योग्यता रखता है, उसे कथा कहने से कोई नहीं रोक सकता. वास्तव में जो ज्ञानी है, वही ब्राह्मण कहलाने योग्य है.

दोषियों के खिलाफ हो निष्पक्ष कार्रवाई

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कुछ लोग राजनीतिक लाभ के लिए हिंदुओं को आपस में लड़वाना चाहते हैं. साथ ही प्रशासन से मांग की कि यदि इटावा में कानून का उल्लंघन हुआ है तो दोषियों के खिलाफ निष्पक्ष कार्रवाई हो.

संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति का भी बयान

संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर बिहारी लाल शर्मा ने भी इस मामले में अपनी राय दी. उन्होंने कहा कि कथावाचन का जाति से कोई संबंध नहीं है. कोई भी व्यक्ति, जिसमें शुद्ध आचरण हो और जिसे शास्त्रों का ज्ञान हो, वह कथा कर सकता है. उन्होंने कहा कि ज्ञान जाति नहीं देखता, सभी मनुष्यों में ईश्वर का वास है और सभी एक समान हैं. शास्त्रों के अनुसार जिसे ज्ञान है, वह ब्राह्मण कहलाता है.

निष्पक्ष जांच की मांग

दोनों विद्वानों ने प्रशासन से मांग की कि मामले की निष्पक्ष जांच कर दोषियों पर सख्त कार्रवाई हो, जिससे भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो.

क्या है मामला?

इटावा जिले के दंदारपुर गांव में 22-23 जून की रात दो कथावाचक मुकुट मणि यादव और संत सिंह यादव के साथ कथित तौर पर ऊंची जाति के लोगों ने दुर्व्यवहार किया. आरोप है कि दोनों कथावाचकों का मुंडन कर उन्हें अपमानित किया गया. दोनों कथावाचकों के यादव जाति से होने के कारण यह मामला प्रदेश में सियासी मुद्दा बन गया.

संबंधित खबर
संबंधित खबर और खबरें

यहां वाराणसी न्यूज़ (Varanasi News) , वाराणसी हिंदी समाचार (Varanasi News in Hindi), ताज़ा वाराणसी समाचार (Latest Varanasi Samachar), वाराणसी पॉलिटिक्स न्यूज़ (Varanasi Politics News), वाराणसी एजुकेशन न्यूज़ (Varanasi Education News), वाराणसी मौसम न्यूज़ (Varanasi Weather News) और वाराणसी क्षेत्र की हर छोटी और बड़ी खबर पढ़े सिर्फ प्रभात खबर पर .

होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version