दो शिक्षाविदों को मिला प्रिंसिपल ऑफ दि इयर सम्मान

राज्य के दो आइटीआइ कॉलेजों के प्रिंसिपलों को शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए एशिया एजुकेशन कॉनक्लेव एंड अवॉडर्स में प्रिंसिपल ऑफ दि इयर इनाम से नवाजा गया. शनिवार को मुंबई में एक समारोह में दोनों शिक्षाविदों को सम्मानित किया गया.

By AMIT KUMAR | May 31, 2025 9:40 PM
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दुर्गापुर.

राज्य के दो आइटीआइ कॉलेजों के प्रिंसिपलों को शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए एशिया एजुकेशन कॉनक्लेव एंड अवॉडर्स में प्रिंसिपल ऑफ दि इयर इनाम से नवाजा गया. शनिवार को मुंबई में एक समारोह में दोनों शिक्षाविदों को सम्मानित किया गया. शिक्षाविदों में पूर्वस्थली-2 के आइटीआइ (सरकारी) के प्रिंसिपल सैयद मोशर्रफ हुसैन और तेहट्ट आइटीआइ(सरकारी) की प्रिंसिपल स्वास्तिका पाल शामिल हैं.

सम्मानित हुए प्रिंसिपल सैयद मोशर्रफ हुसैन इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग में डिप्लोमा, बीटेक और एमटेक की डिग्री पायी है, जिन्होंने जिसमें विशेष रूप से महिला सुरक्षा जूते के आविष्कार के लिए उन्हें ‘एक किशोरी का अभिनव महिला सुरक्षा जूता उपकरण’ के आविष्कार के लिए इंडिया बुक ऑफ रिकॉडर्स और एशिया बुक ऑफ रिकॉडर्स में मान्यता मिली और जैकी बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉडर्स में ‘यंग साइंटिस्ट 2022’ अवॉर्ड मिला है. पश्चिम बंगाल सरकार के विज्ञान व प्रौद्योगिकी विभाग की ओर से सर्वश्रेष्ठ नवाचार पुरस्कार 2023 प्राप्त हुआ. यह सम्मान उन्हें अपने कॉलेज में विद्यार्थियों के समग्र विकास के लिए विभिन्न नए कार्यक्रम शुरू करके शिक्षा में प्रौद्योगिकी के उपयोग और 21वीं सदी की जरूरतों के अनुसार विद्यार्थियों को कुशल बनाने में विभिन्न रचनात्मक और अद्यतन शिक्षण प्रदान करने के लिए दिया गया है.

तेहट्टा सरकारी आईटीआई के प्रिंसिपल के रूप में कार्यभार संभालने के बाद, उन्होंने छात्रों की कुछ चुनौतियों को देखा, विशेष रूप से ग्रामीण परिवेश में छात्रों की अंग्रेजी और कंप्यूटर ज्ञान में कमजोरी. इसे देखते हुए, उन्होंने छात्रों के समग्र विकास के लिए अतिरिक्त स्पोकन इंग्लिश, कंप्यूटर कक्षाएं, विभिन्न विकासात्मक कक्षाएं शुरू कीं. उनके प्रयासों से तेहट्टा सरकारी आईटीआई में सीखने के माहौल में काफी सुधार हुआ है. डिजिटल क्लासरूम, मेटावर्स तकनीक का क्रियान्वयन, व्यक्तित्व विकास कक्षाओं के क्रियान्वयन जैसी उनकी आधुनिक पहलों ने छात्रों के शैक्षणिक प्रदर्शन और भविष्य की संभावनाओं को बदल दिया है और ग्रामीण-शहरी शिक्षा के अंतर को पाटने और छात्रों की सफलता को प्रोत्साहित करने की उनकी प्रतिबद्धता ने उन्हें असाधारण शिक्षकों में शामिल किया है.

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